डीएसपी जियाउल हक की शहादत से उत्तप्रदेश में भूचाल है.इस जांबाज अधिकारी के चाहने वालों ने मुख्यमत्री अखिलेश यादव को न सिर्फ धक्कमुक्की की बल्कि उनके काफिले पर पत्थरबाजी की भी खबर है.
नगर विकास मंत्री आजम खान के साथ मुख्यमंत्री जब शहीद की पत्नी से मिलने गये तो लोगों ने जबर्दस्त विरोध किया, वापस जाओ के नारे लगाये और काफिले पर पत्थरबाजी भी की.
इससे पहले डीएसपी की पत्नी से मिलने गये डीजीपी को लोगों ने घर के अंदर बंद करके ताला लगा दिया था. वहां की महिलायें इतने गुस्से में थीं की उन्होंने डीजीपी एसी शर्मा को चूड़ियां थमा दीं तो कुछ महिलाओं ने चप्पलों की हार उनकी तरफ उछाल दी.
इंसाफ चाहने वालों की मांग थी कि जबतक मुख्यमंत्री नहीं आते तब तक शहीद की लाश को दफ्न नहीं किया जायेगा. इसके बात शहीद की पत्नी परवीन आजाद लाश के पास ही धरने पर बैठ गयीं. जब सोमवार शाम मुख्यमंत्री शहीद डीएसपी के गांव नूनखारा पहुंचे तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा. लोगों ने मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगाये और राजा भैया को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे.
इस बीच अखिलेश यादव ने डीएसपी हत्या कांड की सीबीआई जांच की मांग स्वीकार कर लिया है. इस मामले में आरोपी मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया है. पर लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं.
हालांकि इस बीच एडीजी अरुण कुमार ने इस बात से इनकार किया है कि डीजीपी एसी शर्मा को कमरे बंद करके ताला लगा दिया गया था.
रविवार रात डीएसपी जिया उल हक का शव प्रतापगढ़ से उनके गांव लाया गया था। रात से ही गांव में भीड़ जुटने लगी थी. इन लोगों में गांव के लाडले की हत्या पर गुस्सा था. संवेदना व्यक्त करने बसपा, भाजपा व कांग्रेस के साथ अन्य दल के नेताओं का भी जमावड़ा लगा था.
लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जब सीबीआई जांच की मांग स्वीकार कर ली तो लोगों का गुस्सा जरूर कम हुआ पर वे अब भी राजा भैया की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं.