गुजरात के प्रमुख व्यवसायी हनीफ हिंगोंरी के बेटे सोहेल हिंगोरी को दमन से अगवा कर बिहार के छपरा के एक गांव में लगभग एक माह तक रखे जाने और उसे अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़ाने के लिए कथित रुप से 25 करोड़ की फिरौती देने के मामला नित्य नया मोड़ लेता दिखायी पड़ रहा है।
विनायक विजेता
अपहर्ताओं में एक रंजीत सिंह ने छपरा के नयागांव स्थित जिस चतुरपुर गांव में लगभग एक माह तक सोहैल को बंधक बना कर रखा था इसी क्रम में उसी रंजीत की शादी की सीडी बिहार पुलिस को भी मिली है।
पहले चर्चा यह हुई की उस शादी में सोहैल को नाचते और पैसे लुटाते देखा गया। जब इस संदर्भ में मैंने सुहैल के पिता हनीफ भाई हिंगोरी से उनके मोबाइल नंबर 09913361760 पर बात की तो उन्होंने कहा कि ‘अगर बिहार पुलिस यह साबित कर दे कि उनका बेटा उस शादी में नाचता-गाता या पैसे लुटाता देखा गया है तो वह अपना आरोप ही वापस ले लेंगे।’
उन्होंने कहा कि ‘बिहार पुलिस को वह सीडी अब मिली होगी जबकि गुजरात पुलिस के पास वह सीडी तभी हाथ लग गई थी जब यह मामला हुआ था।’ उन्होंने बताया कि वह सीडी उन्होंने काफी पहले देखी है जिसमें मेरे बेटे को उस समारोह में एक कूर्सी पर बैठा दिखाया गया है पर तस्वीर धुंधली है। अगर वह हमारा बेटा भी है और छह-छह अपराधियों के गन प्वाइंट पर है तो वह क्या कर सकता था। ऐसे भी अपहर्ताओं ने उसे धमका रखा था कि कोई पूछे तो कहना दोस्त हूं, शादी में भाग लेने आया हूं।’
उन्होंने कहा कि मेरे बेटे के आसपास जो तीन-चार अपराधी उस सीडी में दिख रहें हैं उनकी शिनाख्त और पहचान कर बिहार सरकार उन्हें गिरफ्तार करे या उनका नाम सार्वजनिक करें।
अपने बेटे के अपहरण से व्यथित हनीफ हिंगोरा ने इतना तक कह डाला कि ऐसे तो उन्हें नीतीश कुमार पर विश्वास है पर अगर बिहार की सरकार अपराधियों और इसमें संलिप्त राजनेताओं को बचाना चाहेगी तो गुजरात की सरकार चुप नहीं रहेगी।
उन्होंने कहा कि मैने मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर उन्हे सारे मामले की जानकारी दे दी है। बातचीत के क्रम में उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को नीतीश कुमार और नरेन्द्र मोदी की अदावत के आइने में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने देर से ही सही जैसा कदम उठााया है मैं उनका शुक्रगुजार हूं और यह आशा करता हूं कि वह इस मामले में शामिल किसी लोगों को नहीं वह नहीं बख्शेंगे। हनीफ हिंगोरा ने दमन पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया और कहा कि दमन के एक डीएसपर स्तर के पदाधिकारी इस मामले में किस तरह जांच किए बिना बिहार के उन कुछ संदिग्ध राजनेताओं को क्लीन चीट दे रहें हैं जिनकी सहभागिता इस पूरे मामले में है।