चुनावी घोषणा के साथ कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो चुका है, तमाम सरकारों के अधिकार सीमीत हो चुके हैं ऐसे में अगले 3 महीने तक देश का हीरो वीएस संपत होंगे. जानिए संपत की पूरी कहानी.
चुनाव आयोग ने 16वीं लोकसभा के चुनाव प्रक्रिया की घोषणा कर दी है. आज से 31 मई तक देश में कहीं भी, कोई भी बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक फैसले चुनाव आयोग की मर्जी के खिलाफ कोई मंत्री, मुख्यमंत्री यहां तक कि प्रधानमंत्री भी नहीं ले सकेंगे.
चुनाव आयोग अपने लाखों मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों की फौज की निगरानी में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का चुनावी कार्यक्रम निपटाने को तैयार है. ये चुनाव 9 चरणों में 7 अप्रैल से शुरू होंगे.
इस प्रकार अगले तीन महीने तक इस देश में चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत की हुक्मरानी चलेगी. जानिए कौन हैं वीएस संपत.
आंध्र प्रदेश के आईएएस
वीएस संपत 1973 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. आंध्रप्रदेश कैडर से आते हैं. तमिलनाडु के वेल्लौर के निवासी संपत ने 10 जून 2012 को को मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभाला. उन्होंने वाई एस कुरैशी के रिटायरमेंट के बाद यह जिम्मेदारी संभाली. इससे पहले संपत 2009 से 2012 तक आयोग में आयुक्त थे. संपत 15 जनवरी 2016 तक मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रहेंगे और उसके बाद रिटायर हो जायेंगे.
संपत इससे पहले कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. वह भारत सरकार के ऊर्जा सचिव भी रह चुके हैं. आंध्र प्रदेश में संपत ने अपने प्रशासनिक दक्षता का लोहा मनवाया है. आंध्र प्रदेश में पावर सेक्टर के रिफार्म में संपत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
चुनाव आयुक्त की हैसियत से संपत ने भारतीय संसद को यह मश्विरा दिया था कि राइट टू रिजेक्ट का ऑप्शन भारतीय नागरिकों को दिया जाना चाहिए. संपत इस बात के पक्षधर रहे हैं कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए चुनाव आयोग को पूरी तरह से ऑटोनोमस बनाया जाना चाहिए.
16 जनवरी 1950 को जन्मे संपत के ऊपर काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां और चुनौतियां हैं. देखना है वह अपनी टीम के साथ इन जिम्मेदारियों को कैसे निभाते हैं.