पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की आंखों का तारा रहे कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ में ऐसा क्या है कि वह मौजूदा पीएम के भी खास बने हुए हैं और उन्हें तीसरी बार सेवा विस्तार मिल गया है.
नौकरशाही डेस्क
कल हुई कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी कमेटी, जिसके प्रमुख खुद पीएम होते हैं, ने तीसरी बार कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ को सेवा विस्तार दे दिया है. खास बात यह है कि मनमोहन सरकार ने पहले ही उन्हें एक साल का सेवा विस्तार दिया लेकिन अब निजाम बदलने के बाद खुद मोदी सरकार ने सेठ को दूसरी बार सेवा विस्तार दिया है. मोदी सरकार इससे पहले जून में उन्हें सेवा विस्तार का लाभ दे चुकी है.
सेठ को मिले इस सेवाविस्तार से कई वरिष्ठ नौकरशाहों का करियर दाव पर लग गया है. इनमें 1977 और 1978 बैच के अफसर शामिल हैं.
कुछ सूत्रों का कहना है कि दर असल मोदी सरकार के इस फैसले से राजीव महर्षि को अगला कैबिनेट सचिव बनाने का रास्ता साफ हो गया है. तो क्या मोदी सरकार ने महर्षि को इस पद पर भेजने के लिए अजित सेठ को तीसरी बार सेवा विस्तार का लाभ दिया है? यह चर्चा नौकरशाही के सर्कल में बहस का मुद्दा बन गयी है. नौकरशाही के गलियारे को करीब से जानने वालों का कहना है कि अजित सेठ अगर रिटायर हो जाते तो राजीव महर्षि के बदले उन अफसरों में से किसी को यह पद मिल जाता जो मोदी सरकार के गुडबुक का हिस्सा नहीं हैं.
सेठ को मिले इस सेवा विस्तार का खामयाजा पेट्रोलियम सचिव सौरभ चंद्रा और ऊर्जा सचिव पीके सिन्हा को उठाना पड़ेगा.
उत्तर प्रदेश कैडर के 1974 बैच आइएएस अधिकारी सेठ को जून 2011 में देश का 30वां कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था. सेठ को मनमोहन सरकार ने 2013 में एक साल का सेवा विस्तार दिया था. दूसरी तरफ मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद दूसरी बार सेवा विस्तार जून 2014 में दिया. और इस बार अजित कुमार सेठ को तीसरी बार सेवाविस्तार मिल गया है.