पटना के सिटी एसपी जयंत कांत ने अपने जीवन में इतना कठिन इंटर्व्यू तब भी नहीं दिया होगा जब वह आईपीएस बनने के लिए यूपीएससी बोर्ड पहुंचे थे.पढिए उनके जीवन का कठिनतम साक्षात्कार
पर जीवन में ऐसे कठिन दौर कभी न कभी जरूर आते हैं. चाहे आप किसी भी पद पर हों. खास कर लोकतांत्रिक देश में जहां कोई एक संस्था सर्वशक्तिशाली नहीं होती. यूं तो पटना की कानून व्यवस्था की सबसे बड़ी जिम्मेदारी एसएसपी मनु महाराज के बाद अगर किसी की है तो वह सिटी एसपी जयंत कांत ही हैं. लेकिन गुरुवार को जब उन्हें अदालत में सवालों से जूझना पड़ा तो उनका हाव-भाव देख कर उनकी बेचारगी आसानी से महसूस की जा सकती थी.
पटना हाई कोर्ट में ट्रैफिक समस्या पर अपना पक्ष रखने जयंत पहुंचे तो खंडपीठ के न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और विकास जैन के सवालों का उन्होंने किस बेचारगी से जवाब दिया आप भी पढ़ें-
खंडपीठ- आपने ट्रैफिक सिस्टम की ट्रेनिंग ली है?
जयंत कांत- नहीं
खंडपीठ – आप फुल टाइम ट्रैफिक एसपी हैं ?
जयंत कांत- जी..नहीं
खंडपीठ – आप ट्रैफिक सुधारने पर कितना समय देते हैं?
जयंत कांत- सुबह का थोड़ा समय… माई लार्ड हम पार्ट टाइम ट्रैफिक एसपी हैं.
खंडपीठ – वाह देश में एक ऐसी जगह भी है जहां फुलटाइम ट्रैफिक एसपी नहीं है. ट्रैफिक संभालने वाले अधिकारी ने ट्रैफिक की ट्रेनिंग नहीं ली है.
खंडपीठ – आप बतायें कि ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए उनकी तरफ से क्या किया जा रहा है?
खंडपीठ का मशवरा- दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु में ट्रैफिक की ट्रैनिंग दी जाती है. अगली बार जब आप आयें तो ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के उपाये पर विस्तृत व्यौरा लेकर आयें.
मालूम हो कि एक जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पटना के सिटी एसपी जो ट्रैफिक एसपी की जिम्मेदारी भी संभालते हैं, को कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया था.