पटना के एसएसपी जीतेंद्र राणा की तब अकबक बंद हो गयी जब हाई कोर्ट ने उन्हें उनकी औकात बताते हुए कहा कि सरकार के नियंत्रण में डीएसपी हैं और हमारे नियंत्रण में आप हैं मिस्टर एसएसपी.
दैनिक भास्तर की रिपोर्ट
शहरसे खटाल हटाने पर हाईकोर्ट ने गुरुवार को पटना एसएसपी जितेंद्र राणा को कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति वीएन सिन्हा तथा न्यायमूर्ति एके त्रिवेदी की खंडपीठ ने कहा-जहां से खटाल हटाया वहां फिर गया।
हमने खुद देखा है। आपने क्या किया मिस्टर राणा? आपने क्राइम मीटिंग में डीएसपी और एसएचओ से कभी इस बारे में पूछा? आप बिना किसी को खबर किए हर रोज एक इलाके में जाकर देखें कि खटाल जहां से हटाया गया था, वहां फिर गया या नहीं। हम आपको जवाबदेह बनाना चाहते हैं। अगर राजनीतिज्ञ कहते हैं कि हाईकोर्ट को इग्नोर करो और आप उस पर अमल करते हैं तो फिर पता चल जाएगा कि कोर्ट क्या है?
अदालत यहीं नहीं रुकी. खंडपीठ ने एसएसपी को कहा, ‘पता है, आपके एसएचओ हाईकोर्ट पर व्यंग्य करते हैं’.
कोर्ट ने कहा- ‘मिस्टर एसएसपी आपको मालूम है कि आपके एसएचओ वकीलों और हाईकोर्ट पर व्यंग्य करते हैं। आपके नियंत्रण में एसएचओ है, सरकार के नियंत्रण में डीएसपी और हमारे नियंत्रण में आप हैं।
आपका दायित्व है कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन हो। अगर एसएचओ गलत करता है तो उसे निलंबित करें। अगर दुबारा हटाए गए जगह पर खटाल लगा तो जवाबदेही आपकी होगी।
कोर्टने कहा कि बिना लाइसेंस खटाल की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। चाहे निजी जमीन हो या सरकारी। वकीलों ने कहा-निगम में लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं लिया जाता। इसपर कोर्ट ने अपर आयुक्त सीता चौधरी से पूछा कि ये क्या हो रहा है? क्यों नहीं आवेदन लिया जा रहा है?
कोर्ट ने आवेदकों को निर्देश दिया कि वे शुक्रवार को संबंधित कार्यपालक पदाधिकारी के समक्ष 10:30 बजे आवेदन जमा कराएं। अपर आयुक्त से कहा- आप दस्तावेज देखकर चार हफ्ते में लाइसेंस जारी करें।