NEW DELHI, JULY 22 (UNI):- Union Minister for Finance, Corporate Affairs and Defence Arun Jaitley at the inauguration of the Delhi Economics Conclave-2017, in New Delhi on Saturday. Deputy Prime Minister, Republic of Singapore Tharman Shanmugaratnam, Finance Secretary Ashok Lavasa and Chief Economic Adviser Arvind Subramanian are also seen. UNI PHOTO-15U

पार्टियों को मिलने वाले चंदे को लेकर पिछले दिनों से चली आ रही बहस के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज साफ शब्दों में कहा कि राजनीतिक दल मौजूदा व्यवस्था में बदलाव नहीं चाहते।

श्री जेटली ने यहाँ सातवें दिल्ली इकोनॉमिक्स कॉनक्लेव में कहा “भारत का लोकतंत्र पिछले 70 साल से अदृश्य पैसों पर पल रहा है। मैंने बजट में एक प्रस्ताव दिया था तथा राजनीतक दलों से संसद में भी और लिखित रूप से भी इस पर सुझाव माँगे हैं कि राजनीतिक चंदे में कालाधन के इस्तेमाल को कैसे समाप्त किया जा सकता है। अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने कोई सलाह नहीं दी है। लगता है वे मौजूदा व्यवस्था में बदलाव नहीं चाहते।”

 

वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक की सरकारें और चुनाव आयोग दोनों ही इस अदृश्य पैसे पर लगाम लगाने में विफल रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में इस संबंध में कोई बेहतर व्यवस्था सामने आयेगी। श्री जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश करते हुये राजनीतिक दलों के नकद चंदा स्वीकार करने की सीमा 20 हजार रुपये से घटाकर दो हजार रुपये करने का प्रस्ताव किया था। हालाँकि, चेक या डिजिटल माध्यमों से चंदा लेने पर किसी प्रकार की सीमा का प्रस्ताव नहीं था। उन्होंने कहा था कि सरकार जल्द ही इलेक्टोरल बांड के जरिये चंदा लेने के लिए योजना बनायेगी। लेकिन, अब तक इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है।

By Editor


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