बिहार की जातीय राजनीति फिर पुराने दौर में लौटती दिख रही है. जद यू के मोकामा विधायक अनंत सिंह ने इस्तीफा दे दिया है जबकि संभावना है सुनील पांडेय जल्द ही नयी राह पे सफर शुरू करेंगे.
नौकरशाही न्यूज
अनंत सिंह के बारे में उनके एक करीबी सूत्र ने पुष्टि की है उन्होंने जद यू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को इस्तीफा भेज दिया है. संभावना जतायी जा रही है कि अनंत सिंह राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं. एक सूत्र ने नौकरशाही डॉट इन को बताया है कि इस संबंध में आरएलएसपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार अनंत सिंह के सम्पर्क में हैं.
अनंत सिंह को दो महीने पहले पटना के एसएसपी ने एक छापेमारी के बाद गिरफ्तार कर लिया था. उसके बाद से वह जेल में हैं. अनंत सिंह पर एक युवक की हत्या की आशंका जतायी गयी थी, हालांकि उनकी गिरफ्तारी एक राजो सिंह नामक ठीकेदार के अपहरण करने की कोशिश के मामले में हुई थी.
ध्यान रहे कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद, यह अरुण कुमार ही थे जिन्होंने नीतीश कुमार पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह एक जाति विशेष को हलके में न लें. हम छाती तोड़ सकते हैं. अरुण कुमार के इस बयान को जातीय बयान के रूप में लिया गया था. पिछले रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अरुण कुमार के उस बयान की चर्चा भी की थी. वहीं उसी रैली में लालू प्रसाद ने यह भी कहा था कि अनंत सिंह को उन्होंने गिरफ्तार करवाया था.
इस रैली में लालू प्रसाद से अगड़ी जातियों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि लोग न समझें कि यह 1990 के पहले का दौर है.
अनंत सिंह के इस्तीफे के पीछे इन्हीं राजनीतिक हालात को माना जा रहा है. जब अगड़े समाज के लोग लालू से अगल हो कर भाजपा और जद यू की तरफ मुड़ गये थे.
उधर यह भी कुछ लोग संभावना जता रहे हैं कि जद यू के एक अन्य विधायक सुनील पांडेय भी पार्टी छोड़ सकते हैं.
ज्ञात हो कि सुनील पांडेय को भी आरा ब्लास्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया था.