सरकार ने केन्द्रीय पूल में अनाज भंडारण की सीमा बढ़ा दी है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने आज इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया कि अगर केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का भंडारण संशोधित भंडार से अधिक है तो खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग अतिरिक्त खाद्यान्न को खुली बिक्री या निर्यात के लिए जारी कर देगा।
इसके साथ ही चीनी मिलों को गन्ना किसानों को चीनी वर्ष 2015-16 में गन्ने के लिए 230 रूपए प्रति किवंटल का भुगतान करना होगा। घोषित मूल्य 9.5 प्रतिशत की आधार रिकवरी दर से जुडा होगा। अगर रिकवरी दर में 0.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि होगी तो प्रति किवंटल दर पर 2.42 रूपए मूल्य बढ़ जाएगा। वर्ष 2014-15 मे गन्ने का घोषित मूल्य 220 रूपए प्रति किवंटल था, जब इससे पिछले वर्ष में यह मूल्य 210 रूपए प्रति किवंटल था। राज्य सरकार इससे ऊपर गन्ने का मूल्य तय करने के लिए स्वतंत्र है। पिछले दस दस वर्ष में गन्ने का मूल्य लगभग तीन गुना हो चुका है।
वर्ष 2004-05 में गन्ने का घोषित मूल्य 74.50 रूपए प्रति किवंटल था। गन्ना उत्पादक राज्य उत्तरप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश तथा अन्य राज्यों के किसान गन्ने का मूल्य बढाने की मांग करते रहे हैं। कुछ राज्य सरकारों ने भी किसानों की मांगों का समर्थन किया है। मंत्रिमंडल ने इसके साथ ही राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया ताकि उपभोक्ता निजी बायो डीजल उत्पादकों उसके अधिकृत वितरकों से इसकी खरीद कर सके। सरकार के इस निर्णय से देश में बायो डीजल के उत्पादन और उपभोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।