पटना गांधी मैदान में दशहरा के दिन हुए हादसे की जांच रिपोर्ट अनुशासनात्मक व दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया में ही उलझ कर रह गयी है। इस हादसे की जांच के लिए गृहसचिव की अध्यक्षता में बनी टीम ने हादसे के कारण व परिस्थिति और हादसे के लिए जिम्मेवारी तय कर दी है। आज पटना में पत्रकारों से चर्चा करते गृहसचिव व जांच के टीम एक अन्य सदस्य अपर पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि टीम ने जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। सरकार जांच रिपोर्ट का अध्ययन करेगी और इसके बाद तय प्रक्रिया के अनुसार अनुशासत्मक व दंडात्मक कार्रवाई करेगी।
नौकरशाही ब्यूरो
गृहसचिव ने कहा कि साक्ष्य व प्रत्यक्षदर्शियों से हुई बातचीत के आधार पर जांच टीम ने पाया कि हादसे के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, पटना नगर निगम और पटना ट्रैफिक पुलिस जिम्मेवार है। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे हादसों के लिए सामूहिक जिम्मेवारी होती है, किसी को एकल जिम्मेवार नहीं माना जा सकता है। हादसे के कारण व परिस्थिति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हादसे की मुख्य वजह अफवाह थी। गांधी मैदान के रामगुलाम चौक के तरह केबल टीवी का तार गिरा हुआ, जिसको लेकर अफवाह फैल गयी कि इसमें बिजली प्रवाहित है। उन्होंने कहा कि भीड़ नियंत्रण की पुख्ता व्यवस्था नहीं होने से भी हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि रामगुलाम चौक के पास हाई मास्क लाइट खराब पड़ा था, रौशनी की कोई व्यवस्था नहीं थी। गेट पर लगा काउकैचर भी टूटा था। सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी पर्याप्त नहीं थी।
सीएम के काफिले का असर नहीं
अपर पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि गांधी मैदान से मुख्यमंत्री के निकलने के दौरान उनका काफिला मौर्यलोक होते हुए निकला था। इस भगदड़ का उससे कोई संबंध नहीं था। गृहसचिव ने कहा कि हादसे के बाद राहत कार्य में पूरा प्रशासन तैनात था।
दोषियों का नाम नहीं लिया
जांच टीम के दोनों सदस्यों ने हादसे के लिए जिम्मेवारी पदाधिकारियों का नाम नहीं लिया। हालांकि घटना के बाद हटाए गए पदाधिकारियों के फिर से पदस्थापन के सवाल पर उन्होंने कहा कि कार्रवाई की तय प्रकिया है। उसके तहत कार्रवाई होगी, लेकिन इन पदाधिकारियों को बैठाकर नहीं रखा जा सकता है। उनसे काम लिया ही जाएगा। इसलिए उनका पदस्थापन किया गया है।