जीएसटी नेटवर्क मंत्री समूह की नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री सह जीएसटीएन मंत्री समूह के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने बताया कि 50 हजार से अधिक मूल्य के अन्तर राज्य माल परिवहन के लिए पहली अप्रैल से ई-वे बिल की व्यवस्था लागू की जायेगी. अन्तर राज्य सफलता के बाद राज्य के अंदर भी इस व्यवस्था की लागू की जायेगी.
नौकरशाही डेस्क
मोदी ने बताया कि अब तक 9.5 लाख करदाताओं तथा 8.5 हजार ट्रांसपोर्टर्स ने ई-वे बिल का निबंधन कराया हैं. ट्रायल अवधि के दौरान प्रतिदिन 6.5 लाख तक ई-वे बिल जेनरेट हो रहा है. नेटवर्क सर्वर की क्षमता बढ़ा दी गई है, जिससे पहली अप्रैल से 50 से 75 लाख तक ई-वे बिल प्रतिदिन जेनरेट होगा. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले से बिहार में लागू ‘सुविधा’ का ई-वे बिल की व्यवस्था से सरलीकरण हो गया है. ‘
उन्होंने कहा कि सुविधा’ के अन्तर्गत परिवहन परमिट के लिए पहले जहां फार्म में 26 फिल्ड भरने होते थे, वहीं अब मात्र 9 फिल्ड ही भरना होगा. निबंधित कारोबारी और ट्रांसपोटर्स अब कम्प्यूटर के अलावा मोबाइल एप्पलिकेशंस के जरिए भी आसानी से ई-वे बिल जेनरेट कर सकेंगे. राज्य के अंदर ई-वे बिल की व्यवस्था लागू होने के बाद भी 10 किमी की दूरी तक 2 लाख तक मूल्य के माल के परिवहन तथा पेट्रोलियम उत्पाद जो जीएसटी से बहार है के परिवहन के लिए ई वे बिल की जरूरत नहीं होगी.