पटना में आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के भारत प्रक्षेत्र सम्मेलन इस सारतत्व के साथ समाप्त हो हुआ कि संसद या विधानमंडल के लिए निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अपने पद की मर्यादा और गरिमा सम्मान करना चाहिए। सम्मेलन के समापन के बाद बिहार विधान सभा के विस्तारित भवन में पत्रकारों को बैठक के फलाफल की जानकारी देते हुए लोकसभा की अध्यक्ष और भारत प्रक्षेत्र की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करने में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है। अपनी भूमिका और अधिकार का सार्थक इस्तेमाल कर जनप्रतिनिधि विकास का लक्ष्य प्राप्त करने में बड़ी जिम्मेवारी का निर्वाह कर सकते हैं। पत्रकार वार्ता में बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव और विधान सभा के सचिव रामश्रेष्ठ राय भी मौजूद थे।
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के भारत प्रक्षेत्र सम्मेलन के समापन पर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की अपील
वीरेंद्र यादव
श्रीमती महाजन ने कहा कि ‘विकास का लक्ष्य हासिल करने में जन प्रतिनिधियों के भूमिका’ विषय पर लोकसभा की प्राक्कलन समिति के अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी ने आधार व्याख्यान दिया तो ‘विधायिका और न्यायपालिका के आपसी संबंध’ पर केंद्रीय न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपना व्याख्यान दिया। स्पीकर ने कहा कि आगामी 10 -11 मार्च को विधायी सम्मेलन का आयोजन लोकसभा सचिवालय कर रहा है, जिसका विषय है- विकास के लिए हम। इसके लिए सभी राजयों की विधान सभा से 6-6 और विधान परिषद से 3-3 प्रतिनिधि भेजने का आग्रह किया गया है। इस सम्मेलन के लिए प्रत्येक राज्य से दो-दो महिला प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना जरूरी है। विशेष परिस्थिति में प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने की इजाजत भी दी जा सकती है।
श्रीमती महाजन ने कहा कि अध्यक्ष के रूप में हमने ‘स्पीकर रिसर्च इनेसिएटिव’ की शुरुआत की। इसके तहत लोकसभा सचिवालय द्वारा विषय विशेषज्ञों को बुलाकर सांसदों के साथ संवाद करवाया जाता है। इसका आयोजन सांसदों के आग्रह पर भी किया जाता है। इसका मकसद विषय विशेष पर चर्चा और बहस के लिए सांसदों को तथ्यों और आंकड़ों के साथ समृद्ध करना है। 2015 में सीपीए के भारत प्रक्षेत्र के गोवा में हुए सम्मेलन में पत्रकारों को विधायी प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से अब तक संसदीय अध्ययन और प्रशिक्षण ब्यूरो (बीपीएसटी) पत्रकारों के लिए 24 जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर चुका है। प्रशिक्षण लेने वालों में बिहार के पत्रकार भी शामिल थे। स्पीकर ने विधान सभा अध्यक्षों से भी इस तरह के शोध और अध्ययन को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
श्रीमती महाजन ने कहा कि सम्मेलन में 74 प्रतिनिधयों और उनके साथ आये लोगों ने हिस्सा लिया। बिहार समेत 20 राज्यों के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। लोकसभा अध्यक्ष समेत 20 अध्यक्ष व सभापति और 17 उपाध्यक्षों और उपसभापतियों ने हिस्सा लिया। महिला आरक्षण बिल से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण के समर्थक हैं। लेकिन अध्यक्ष के रूप में हमारी जिम्मेवारी है कि सरकार जो भी प्रस्ताव लाये, उसे सदन में प्रक्रिया व कार्यनियमावली के तहत पास करवाया जाये। संसद या विधानमंडलों में हंगामे को लेकर उन्होंने कहा कि मीडिया को भी सकारात्मक भूमिका का निर्वाह करना चाहिए। मीडिया को हंगामा दिखता है, लेकिन देर रात तक संसद में चर्चा कर विधेयकों को पास करना नहीं दिखता है। स्पीकर ने कहा कि बिना चर्चा के कोई भी बिल पास नहीं करना चाहिए।
श्रीमती महाजन ने कहा कि सीपीए के भारत प्रक्षेत्र को भी चार सबजोन (उपक्षेत्र) में बांट दिया गया है, ताकि संसदीय प्रक्रिया को लेकर सकारात्मक निर्णयों को लेकर चर्चा हो सके। पहले सबजोन में बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल को रखा गया है। दूसरे सबजोन में आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना को रखा गया है। तीसरे सबजोन में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम का रखा गया है। चौथे सबजोन में गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, पंजाव व राजस्थान को रखा गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और विधान परिषद के उपसभापति के प्रति आभार जताया। साथ ही बिहार की जनता के प्रति भी अपनी कृतज्ञता ज्ञापित किया।