कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि यदि सरकार उनकी पार्टी की माँगों को स्वीकार कर लेती है तो कांग्रेस वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को संसद में समर्थन देने के लिए तैयार है। श्री गाँधी ने कहा कि कांग्रेस जीएसटी बिल को लाने वाली है और वह इसकी जन्मदात्री है।
नरसी मोनजी इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज (एनएमआईएमएस) में छात्रों के साथ करीब एक घंटे तक विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करते हुये कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा “कांग्रेस चाहती है कि जीएसटी की दर के लिए 18 प्रतिशत की सीमा तय की जाये, विवाद निपटान प्रणाली बनायी जाये और एक प्रतिशत अंतरराज्यीय कर का प्रावधान समाप्त किया जाये।” श्री गाँधी ने कहा कि सरकार इन माँगों को स्वीकार कर लेती है तो कांग्रेस जीएसटी विधेयक का समर्थन करेगी, लेकिन इसके बिना पार्टी अपने रुख पर कायम है। उन्होंने कहा विवाद निपटान प्रणाली निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि जीएसटी विधेयक के पास होने में कांग्रेस बाधा नही है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी की आन्तरिक विरोध की वजह से इसे पारित कराने में समस्या आ रही है। जीएसटी के लिए एक व्यापक बुनियादी ढाँचे की जरूरत है जिसे तैयार किया जाना जरूरी है।
उन्होंने कांग्रेस की अगुवाई वाली मनमोहन सिंह सरकार के समय भाजपा द्वारा संसद को अवरुद्ध किये जाने का स्मरण कराते हुये कहा कि उस समय जीएसटी विधेयक का विरोध किया गया था। श्री मोदी जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे, जीएसटी के सबसे मुखर विरोधी थे। वर्तमान में देश में खेती-किसानी, विशेषकर किसानों की दुर्दशा को लेकर श्री गाँधी ने श्री मोदी पर हमला किया और कहा कि सरकार किसानों की पर्याप्त मदद नही कर रही है।