बक्सर में मौका था भाजपा के कद्दावर नेता स्व. कैलाषपति मिश्र की जयंती का। इस कार्यक्रम में उस समय बड़ी अजीब स्थिति पैदा हो गई जब मंच से बोलते हुए स्थानीय सांसद अष्विनी कुमार चैबे अचानक ही कार्यक्रम के संचालक सिद्धनाथ सिंह पर भड़क गये, और उन्हें दुबारा ऐसी गलती नहीं करने की नसीत दे डाली।
फिरज अख्तर
हुआ यूं कि स्व. मिश्र की जयंती पर जुटे बिहार भाजपा क¢ नेताओं का संबोधन चल रहा था, तभी दर्शकों की कम होती संख्या को देख मंच पर बैठे बिहार क¢ पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने स्थानीय सांसद को अपना भाषण जल्द खत्म करने का संदेश मंच संचालक द्वारा भेजवाया, पर संदेश को देखते ही सांसद अश्विनी चैबे अपना आपा खो बैठे और मंच संचालक को लाबुरा कते हुए दुबारा ऐसी गलती नहीं करने की हिदायत दे डाली।
सांसद ने यहां तक क डाला की पार्टी में रहने क¢ लिए मुझे किसी क¢ सामने झुकने की जरूरत नहीं है। पार्टी में लोग कार्यकर्ता कम ठिक¢दार ज्यादा बन रहे है, पर मैं किसी क¢ रहमों कर्म पर नहीं पहुंचा हूं। जयंती कार्यक्रम में माहौल को बिग़ता देख और मंच संचालक क¢ कटाक्ष से बचने क¢ लिए पार्टी क¢ नेताओं ने बीचबचाव किया, तब जाकर स्थिति सामान्य हो सकी। कार्यक्रम में मंच का संचालन कर रहे भाजपा नेता सिद्धनाथ सिंह ने सांसद को पूर्व पमुख्यमंत्री के आदेश के बाद अपना अभिाषण जल्द समा करने का संदेश दिया, तथा तय समय का आभाष ही कराया।
लेकिन कैलाशपति मिश्र के जयंती समारोह में सांसद ने मर्यादा को तो़ड़ते हुए कार्यकर्ताओं का अपमान कर डाला। हालांकि भाजपा सांसद द्वारा कार्यकर्ताओं का किये गये इस अपमान के नतीज को भंपते हुए पूर्व पमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी बिना बुलाये ही अपने संबोधन के लिए मंच पर आ गये और अपने भाषण को जिला, बिहार से पर ले जाकर मोदी सरकार पर केंद्रित कर दिया। लेकिन जयंती समारोह में सांसद द्वारा कार्यकर्ताओं का किया गया अपमान क्या गुल खिलाता हैं य तो आने वाला समय ही बतायेगा।