भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अपने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूल गए हैं। प्रधानमंत्री प्रकाशपर्व के मौके पर पटना में करीब दो घंटा रहे। सार्वजनिक मंच पर रहे। लेकिन सुशील मोदी के फेसबुक पेज पर प्रधानमंत्री के पटना आने और समारोह में शामिल होने से जुड़ा कोई पोस्ट नहीं है। प्रधानमंत्री से जुड़ी हर खबर को प्रमुखता से फेसबुक पर अपलोड करने वाले सुशील मोदी द्वारा नरेंद्र मोदी के पटना आगमन को अनछुए छोड़ देना किसी को भी असहज लग सकता है। वह भी तब जब प्रधानमंत्री ने बिहार की सभ्यता, संस्कृति और परंपराओं की बखान की हो। जबकि कल ही सुशील मोदी ने अपने जन्मदिन पर पीएम की ओर से आये बधाई संदेश को फेसबुक पर अपलोड किया है।
वीरेंद्र यादव
प्रधानमंत्री के प्रति सुशील मोदी की ‘उपेक्षा भाव’ की दो वजह हो सकती है। पहली है नीतीश कुमार की खुलकर प्रशंसा और दूसरी है प्रधानमंत्री का सिंगल तस्वीर नहीं मिलना। पीएम ने नीतीश के शराबबंदी अभियान को देश के लिए अनुकरणीय बता कर बिहार भाजपा से नीतीश के खिलाफ का बड़ा एक मुद्दा छीन लिया। हालांकि यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है कि सुशील मोदी पीएम के प्रति नाराजगी व्यक्त करें। पीएम की सिंगल तस्वीर नहीं मिलना भी एक बड़ी वजह हो सकती है। सभा मंच पर हर तस्वीर में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री की तस्वीर आ रही थी। एजेंसियों से जारी तस्वीर में दोनों की तस्वीर साथ-साथ थी। सुशील मोदी खुद भी अपने मोबाइल से पीएम की तस्वीर लेने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हर एंगल में सीएम की तस्वीर आ रही थी। मंच पर अकेले पीएम की तस्वीर अर्थहीन हो जाती। इस कारण वे कैमरा क्लिक नहीं कर पाए।
फेसबुक के माध्यम से लोगों से जुड़ने की तकनीकी पर कभी-कभी भावना हावी हो जाती है और तकनीकी गौण। अपने पेज पर नीतीश कुमार की तस्वीर लगाना सुशील मोदी के लिए संभव नहीं था, इस कारण सुशील मोदी पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं लगाने की ‘वेदना’ सहने को तैयार हो गए। हालांकि समारोह में शामिल होने की अपनी तस्वीर सुशील मोदी ने जरूर लगायी है, वह भी वीआईपी लाउंज की।