कभी हत्या के 38 मामलों में पुलिस के लिए अबोध पहली बने जुमुई के गुड्डू यादव आज पुलिस व समाज के लिए शांति व भाईचारे की मिसाल बन कर राजनीतिक रसूख स्थापित करने में लगे हैं नतीजा यह है कि जिला परिषद, पैक्स से ले कर पंचायत के मुखिया पद पर उनके परिवार का कब्जा है.
मुकेश कुमार, नौकरशाही ब्यूरो, जमुई से
स्थानीय स्तर पर पिछले दो वर्षों में गुड्डू यादव का परिवार एक सफल राजनीतिक परिवार बन चुका है. उनकी पत्नी जहां जिला परिषद की सदस्य हैं तो भाई पैक्स के अध्यक्ष और भाई की पत्नी मुखिया हैं.
गुड्डू यादव पर पिछले एक से डेढ़ दशक में हत्या के 38 मामले दर्ज थे. लेकिन अब इन तमाम मामलों में उन्हें या तो बरी किया जा चुका है या जमानत मिल गयी है. बदलते समय के अनुसरा गुड्डू यादव ने अपनी नाकारात्मक पहचान को साकारात्मक पहचान में बदलने की काफी हद तक सफल कोशिश की है. वह जमुई के सिकंदरा के रहने वाले हैं. यह इलाका कभी गोलियों की तड़तड़ाहत और आपसी रंजिश के कारण मीडिया में हमेशा नाकारात्मक खबरों के लिए चर्चित रहता था लेकिन लेकिन अब यह रंजिश शांति और भाईचारे में बदल गयी है.
इसका काफी श्रेय सिकंदरा के गुड्डू यादव को जाता है.राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को अपना आदर्श और सामाजिक न्याय को अपनी राजनीति प्रेरणा मान कर गुड्डू यादव के परिवार ने अपनी राजनीतिक पहचान बना ली है. अपनी इस नयी पहचान को स्थापित करने के लिए गुड्डू यादव ने अपने व्यवहार में ऐसा परिवर्तन लाया है कि अब लोग अपनी तमाम स्थानीय समस्याओं के लिए उनके पास पहुंच जाते हैं. इस इलाके के आमजन अपनी समस्या,दुःख -दर्द के निवारण के लिये सीधे गुड्डू यादव के पास पहुंचते हैं. ब्लॉक में किरानी बाबू से परेशानी हो या बेटी की ससुराल में दहेज़ का मामला या फिर घरेलू बटवारा हो या विवाद, सब मामले में गुड्डू यादव मदद करने को तैयार रहते हैं.इसी तरह लोगों की सार्वजनिक समस्या जैसे बिजली,सड़क,सिंचाई या धार्मिक कार्य में भी गुड्डू यादव सक्रिय रूप से जुड़ कर समस्या के समाधान में हाथ बंटाते हैं.
यही कारण है कि समाजसेवी गुड्डू यादव की धर्मपत्नी दुलारी देवी उक्त क्षेत्र से दूसरी दफा भी रिकॉर्ड मतों से जिला पार्षद के रूप में विजयी हुई है।वही इनके बड़े भाई बाबूलाल यादव भी पैक्स अध्यक्ष के रूप में काबिज है जबकि बाबूलाल यादव की धर्मपत्नी भी सिकंदरा पंचायत राज की मुखिया पद की कमान संभाल रही है.