बिहार विधान परिषद के सहायक मुसाफिर बैठा को उन्हीं के प्रशाखा पदाधिकारी ने बंद कमरे में बेरहमी से पिटाई कर दी. प्रशाखा पदाधिकारी की इस हकत से मुसाफिर का पूरा परिवार सदमे में है.
बिहार विधान परिषद्, बिहार का उच्च सदन है. लेकिन वहां की स्थिति वहीं के एक सहायक के लिए ऐसी हो गई है कि वे वहां जाने से डर रहे हैं. परिषद् सूत्रों के अनुसार प्रकाशन शाखा में कार्यरत सहायक मुसाफिर बैठा ने इससे जुड़ा लिखित आवेदन देकर छुट्टी भी ली है.
परिवार मिला सभापति-उपसभापति से
सूत्र बताते हैं कि जब बैठा एसीपी से जुड़ी जानकारी लेने स्थापना शाखा गए तब उनके साथ एक प्रशाखा पदाधिकारी ने मारपीट की. बताया जाता है कि घटना के बाद मुसाफिर बैठा का पूरा परिवार सदमे में है. डरा सहमा पूरा परिवार विधान परिषद् सभापति अवधेश नारायण सिंह से भी मिला और आपबीती बयां की. अवधेश नारायण सिंह बीजेपी के सीनियर नेता में गिने जाते हैं. बैठा का परिवार विधान परिषद् के उपसभापति हारूण रसीद से भी मिला.
बताया जाता है कि प्रकाशन शाखा के एक अन्य सहायक को भी धमकी दी गई. धमकी देने वाले का खौफ ऐसा है कि डर से इस दूसरे सहायक ने कहीं शिकायत भी नहीं की. सूत्र बताते हैं कि मुसाबिर बैठा अपनी आपबीती अनुसूचित जाति जनजाति आयोग व राज्य अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ, बिहार तक भी पहुंचायी है.
मुसाफिर विधान परिषद् की प्रकाशन शाखा में लगभग 16 साल से नौकरी कर रहे हैं. इससे पहले वे सहकारिता विभाग में प्रसार पदाधिकारी थे. उस नौकरी को छोड़ वे परिषद् आए थे. इससे पहले वे बिहार और केन्द्र सरकार की पांच नौकरी छोड़ चुके हैं.
उधार अवधेश नारायण सिंह, सभापति का कहना है कि आपसी झड़प का मामला मेरे संज्ञान में आया है. मैंने जांच के लिए अफसर को दिया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
आईनेक्स्ट, पटना की रिपोर्ट
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