गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने जेएनयू और रोहित वेमुला मामले के खिलाफ धरना पर बैठे वामपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं को लाठी-डंडों से दौड़ा कर पीटा. इस घटना ने पटियाला हाउस कोर्ट की याद ताजा कर दी.
यूपी पत्रिका डॉट कॉम की खबर के मुताबिक इस दौरान किसी का सिर फटा तो कोई बुरी तरह घायल हुआ। पुलिस भी मामले में मूकदर्शक बनी रही।
गौरतलब है कि वामपंथी संगठनों का साझा मंच राष्ट्रीय स्तर पर विरोध-प्रदर्शन के तहत इलाहाबाद कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठा था। इस घटना के बाद वामपंथी संगठनों ने आरोपी वकीलों के खिलाफ एफआईआर के कर्नलगंज थाने में डेरा डाल लिया है।
रोहित और जेएनयू मामले पर था धरना
दरअसल, रोहित वैमुला और जेएनयू मामले में वामपंथी संगठनों ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्तर पर विरोध का ऐलान किया था। इसके तहत सीपीआई(एमएल) के केके पाण्डेय के साथ वामपंथी संगठनों के नेता और शहर के बुद्धिजीवी धरने पर बैठे थे। इसी दौरान आधा दर्जन वकील वहां पहुंचे और उनका विरोध करने लगे। थोड़ी देर बाद धरनास्थल पर सैकड़ों की संख्या में वकील वंदे मातरम और भारतमाता की जय के नारे लगाते हुए वहां पहुंचे। पहले उन्होंने विरोध किया और फिर उनपर टूट पड़े।
इस दौरान महिला कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी भी की गई। वकीलों में इतना आक्रोश था कि वे डंडों से वामपंथियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटने लगे। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ महिलाओं को भी पीटा गया और गाली-गलौच की गई। वकीलों का आरोप था कि ये लोग देश विरोधी नारे लगा रहे थे, इस कारण इनकी पिटाई की गई।