एक तरफ दलित मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर जद यू में विवाद चल ही रहा है जब तक उद्योग मंत्री भीम सिंह ने अतिपिछड़ा बम फोड़ते हुए कहा है कि बिहार का मुख्यमंत्री किसी अतिपिछड़ा को बनाया जाये.
भीम सिंह ने बिहार फाउंडेशन के कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से कहा कि 2010 चुनाव में बिहार के अतिपिछड़ों ने जद यू की सरकार बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई इसलिए अब समय आ गया है कि बिहार का मुख्यमंत्री किसी पिछड़े को बनाया जाये.
गौरतलब है कि भीम सिंह खुद भी अतिपिछड़ा समाज से आते हैं. भीम सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह शरद यादव द्वारा बुलायी गयी बैठक में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की बुलायी गयी बैठक ही कानूनी तौर पर जायज है इसलिए मैं उस बैठक में शामलि होने जा रहा हूं.
खुद अतिपिछड़ा समाज से हैं
भीम सिंह के इस बयान से एक नया मोड़ आ गया है. भीम सिंह उन कुछ मंत्रियों में शामिल हो गये हैं जिन्होंने खुल कर मांझी में अपनी वफादारी व्यक्त की है. इस से पहले महाचंद्र प्रसाद सिंह, वृशिण पटेल, नीतीश मिश्रा उन मंत्रियों में से हैं जिन्होंने मांझी की हिमायत की है, लेकिन अब भीम सिंह के खुल कर मांझी की हिमायत में आ जाने से हालात और पेचीदा हो सकते हैं. हालांकि कुछ सूत्रों का कहना है कि भीम सिंह ने भले ही यह बयान दे दिया है लेकिन वह हालात को भांपते हुए अपना विचार बदल भी सकते हैं.
इस बीच सुबह के घटनाक्रम में उस समय नया मोड़ आ गया जब मुख्यमंत्री मांझी ने अचानक शनिवार को कैबिनेट की बैठक बुला ली. दूसरी तरफ नीतीश के वफादा असेम्बली के दोनों सदनों के सदस्यों की बैठक आज ही हो रही है.
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