बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष महबूब अली कैसर को कांग्रेस ने कैसे बेइज्जत किया, वह राम विलास के पास कैसे गये,किसने उनसे बात करायी? कैसर ने तमाम मनसूबों पर हमारे सम्पादक इर्शादुल हक से खुल कर बात की.

महबूब कैसर:सल्फ रेस्पेक्ट के लिए करता हूं सियासत
महबूब कैसर:सल्फ रेस्पेक्ट के लिए करता हूं सियासत

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आप कांग्रेस जैसी विशाल पार्टी के सेंट्रल कमेटी के मेम्बर रहे, बिहार प्रदेश के अध्यक्ष रहे अचानक लोजपा में जाने का फैसला क्यों किया?

देखिए यह फैसला मैंने अपने सेल्फ रेस्पेकट को बचाने के लिए किया.मैं खुद 22 साल कांग्रेस में रहा. वालिद साहब (पिता जी) 32 साल तक एमएलए रहे. पार्टी छोड़ने का दुख तो मुझे जरूर हुआ. लेकिन इधर पार्टी का जो रवैया रहा है वह काफी दुखदायी था. न सिर्फ मेरे प्रति बल्कि तमाम सीनियर कांग्रेसियों के प्रति वह काफी अफसोसनाक है पार्टी का रैवा. मैंने तो कल्पना तक नहीं की थी कि ऐसे सुसंसगठित पार्टी में वरिष्ठ लोगों को नजरअंदाज किया जायेगा.मुझे नहीं लगता था कि हमारी बात सुनी तक नहीं जायेगी और हमारी इतनी बेइज्ज्ती होगी.

आपकी शिकायत सोनिया गांधी से थी ?

मैं तो सेल्फ रेस्पेक्ट के लिए पॉलिट्क्स में हूं अगर वह नहीं मिलेगा तो बेकार है राजनीति करना. हालांकि इस मामले में आदरणीय सोनिया जी ने पद के जरिए नवाजा( बिहार प्रदेश का अध्यक्ष) एआईसीसी में सेक्रेट्री भी बनवाया. इसमें शक नहीं कि हम जितना डिजर्व करते हैं, उससे भी ज्यादा. उसस के लिए हम थैंकफुल रहेंगे. लेकिन हर मामले में सोनिया या राहुल जी तो दखल नहीं देंगे. असल गलती एआईसीसी के पदाधिकारियों की है. पूरा एआईसीसी सड़ गया है कोई किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है.

तो फिर किसकी बात सुनी जाती है कांग्रेस में ?

वहां दलालों की बात चलती है. बल्कि इससे भी बुरा कोई शब्द हो तो हम उस शब्द को छोटा मानते हैं. मिजिल मैन कहना तो फिर भी बड़ा और सम्मानित शब्द है.

आप सेल्फ रेस्पेक्ट की बात करते हैं,दूसरी तरफ सेक्युलरिज्म वर्सेज कम्युनलिज्म है. दोनों में से एक को चुनना था तो आपने सेल्फ रेस्पेक्ट को चुना, सेक्युलरिज्म कोई मुद्दा नहीं मुसमानों लिए?

नहीं.. देखिए आज चीजें बदल गयीं है. सारी पार्टियां सेक्युलरिज्म जैसे शब्द का इस्तेमाल फायदे के लिए करती हैं, कांग्रेस भी करती है और इसका फायदा लेती है. लेकिन हम समझते हैं कि कम्युनलिज्म और सेक्युलरिज्म आज की पीढ़ी के युवाओं के लिए मुद्दा नहीं बल्कि युवा विकास चाहता है.

सेक्युलरिज्म नहीं चाहते युवा ?

मैं समझता हूं कि सेक्युलरिज्म दकियानूसी बात हो गयी है.युवा सिर्फ डेवलपमेंट चाहता है.

कांग्रेस के काम को आप कैसे आंकते हैं?

हम कांग्रेस के काम को नहीं नकारते लेकिन मोदी के डेवलपमेंट को भी स्वीकार करना होगा,

मोदी की छवि कम्पलीटली एंटी मुस्लिम है. गुजरात की सरकार ने पिछले 15 सालों में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए जितने भी केंद्रीय योजनाओं के बजट के पैसे भेजे गये उसमें से एक नया पैसा खर्च नहीं किया मोदी ने. तमाम पैसे लैप्स कर गये और लौट गये…

मैं समझता हूं कि ऐसे सवालों का एक ही जवाब है कि अधिक से अधिक मुसलमान एनडीए में शामिल हों और जीत कर के जायें. अगर वह जीतंगे तो मोदी जी को मजबूर करेंगे कि वह मुसलमानों के लिए काम करें.

पिछली बार खगड़िया से आपको 1 लाख 28 हजार वोट मिले थे. आप हार गये थे.

जब तक मैं कंडिडेट नहीं बना था तब तक फिडबैक नहीं लिया था. लेकिन अब हम लड़ रहें हैं तो हमें जो फिडबैक मिल रहा है उससे पता चल रहा है कि मोदी जी का प्रभाव काफी काम करेगा. हमें जितना वोट आया था उससे ज्यादा आयेगा और हम जीतेंगे.

आपके कांग्रेस छोड़ने पर मुसलमान के बीच में क्या मैसेज जा रहा है ?

मैं इतना जरूर कहूंगा कि हमारे जाने से मुसलमानों में एनडीए के प्रति जो रिलुक्टेंस है, जो बर्फ सी जमी है वह आहिस्ता आहिस्ता पिघलेगी. लोगों की मिजाज की सख्ती धीरे धीरे कम होगी. हमारे एरिया में लोग अब रियलाइज करने लगे हैं .

कांग्रेस ने मुसलमानों को बिल्कुल इग्नोर किया है. कांग्रेस के 4 में से 3 विधायक मुसलमान हैं. दो में से एक सांसद मुसलमान हैं वहां 12 टिकट में से मात्र एक टिकट मुसलमान को दिया वह भी ऐसे व्यक्ति को जो 85 साल के बुजुर्ग और असक्रिये हैं. कांग्रर्स ने तो बिल्कुल मुसलमानों निल कर दिय..

पासवान जी से कैसे हुई बात?

रामविलास जी खगड़िया के रहने वाले हैं. मैं भी सहरसा का हूं. हमारे फादर के टाइम से आना जाना रहा है. एलजेपी के लोगों ने देखा कि कांग्रेस से टिकट नही मिला तो. कांग्रेस के ही कुछ लोग( जिनका नाम नहीं बतायेंग) उन्होंने ही मुझे प्रस्ताव दिया कि मुझे लोजपा से चुनाव लड़ना चाहिए. और उस वक्त तक खगड़िया में लोजपा का प्रत्याशी भी नहीं घोषित हुआ था.

तो फिर कैसे बढ़ी बात….?

कभी ख्वाब में भी नहीं देखा था कि मुझे लोजपा में जाना है. पर उन्होंने कहा( मध्यस्थ ने) कि कम से कम हम एक मीटिंग तो कर लें. तो मैंने कहा कि ठीक है एक मीटिंग कर लेते हैं.

पासवान जी से बात हुई?

नहीं उनसे तो लास्ट में बात हुई. पहले उनके जिन से कॉंटेक्ट थे और जो मेरे कॉंटेक्ट में थे पहले उनसे ही बात हुई. पता नहीं इसी बीच मीडिया( आपकी वेबसाइट में ही पहील बार आई खबर) फ्लैश हुई कि कैसर पासवान जी के साथ जा रहे हैं. पासवान जी से लास्ट में चर्चा हुई. लेकिन मुझे लगा कि उन्होंने भी अपना माइंड मेकअप कर लिया था. फिर उनके बेटे चिराग पासवान से बात हुई. उन्होंने कहा कि वह मुझे से इम्प्रेस्ड थे और उन्होंने ही अपने पिता( रामविलास पासवान) से कहा तो बात आगे बढ़ी.

By Editor

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