बिहार सरकार ने वित्तीय प्रबंधन को कम्प्यूटरीकृत करने और राज्य के कोषागारों में वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 219.86 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल एवं समन्वय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने पटना में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में कोषागारों तथा वित्तीय प्रबंधन को पूर्णत: कंप्यूटरीकृत करने के लिए 219.86 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति प्रदान की गयी ।
कैबिनेट का फैसला
श्री मेहरोत्रा ने बताया कि ई-निधि विकसित एवं संस्थापित करने तथा अगले सात वर्षों तक इस प्रणाली के प्रचालन एवं रख-रखाव की जिम्मेवारी बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डेवलपमेंट कॉरपोशन के माध्यम से कराये जाने की स्वीकृति दी गयी है। प्रधान सचिव ने कहा कि गुड़गांव की कंपनी राईट्स लिमिटेड के माध्यम से नालंदा जिले के राजगीर में नये आकाशीय रज्जू पथ (रोपवे) के निर्माण के लिए पूर्व में स्वीकृत 10.84 करोड़ रुपये की राशि को पुनरीक्षित कर 20 करोड़ 18 लाख 56 हजार 776 रुपये कर दी गयी है।
श्री मेहरोत्रा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में पूर्व में खरीफ फसलों के सिंचाई के लिए डीजल अनुदान तथा आकस्मिक फसल योजना के लिए स्वीकृत 315 करोड़ रुपये में से रबी फसलों की सिंचाई के लिए डीजल अनुदान मद में 115 करोड़ रुपये की राशि खर्च किये जाने की अनुमति भी प्रदान की गयी है।