सरकार के देश में लेसकैश अर्थव्यवस्था तथा डिजिटल भुगतान को बढावा देने के प्रयासों के तहत वेतन भुगतान चेक से या सीधे उनके खाते में हस्तांतरित करने से सम्बन्धित विधेयक को आज राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके साथ ही इस पर संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा ने पहले इस विधेयक को पारित किया था। सरकार ने 28 दिसंबर को इसके लिए अध्यादेश लायी थी और अब मजदूरी भुगतान (संशोधन )विधेयक 2017 इसका स्थान लेगा। राज्यसभा ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि डिजिटल भुगतान से न सिर्फ भ्रष्टाचार समाप्त होगा, बल्कि भुगतान में आसानी भी होगी । उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे विधेयक में किये गये प्रावधानों को अपने यहां लागू करें क्योंकि श्रम समवर्ती सूची का विषय है । इस प्रावधान को लागू करने के लिए अध्यादेश लाये जाने पर कुछ सदस्यों द्वारा की आपत्ति पर श्री दत्तात्रेय ने कहा कि यह मजदूरों के हित में है तथा कई मजदूर संगठनों ने इसकी मांग भी की थी।
मजदूरों के वेतन भुगतान की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र में मजदूरों को न सिर्फ कम वेतन मिलता है बल्कि उसमें कटौती और विलंब भी होता है। उन्होंने कहा कि बीते सत्र में यह विधेयक पारित नहीं कराया जा सका था, इसलिए अध्यादेश लाना पडा। उल्लेखनीय है कि मॉजूदा कानून के तहत मजदूरों को नगद या उनकी रजामंदी से चेक अथवा उनके खाते में हस्तातंरण के जरिये वेतन भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन अब इस कानून की धारा में संशोधन करके चेक अथवा खाते में ही वेतन हस्तांतरण को अनिवार्य बना दिया गया है ।