न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने आज इनमें से एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरसी लोहाटी के समक्ष इस मुद्दे पर छह सवाल खड़े किए।
प्रेस काउंसिल के चेयरमैन मार्कंडेय काटजू ने अब जस्टिस आरसी लोहाटी को कठघरे में खड़ा करते हुए उनसे छह सवाल किये हैं.
पढ़ें भ्रष्ट जज वाले बयान से मचा कोहराम
ध्यान रहे कि काटजू ने इससे पहले एक जज की नियुक्ति और प्रोमोशन में मनमोहन सिंह सरकार पर आरोप लगाया था कि एक भ्रष्ट जज को इसलिए नहीं हटाया गया क्योंकि ऐसा करने से मनमोहन सिंह सरकार से तमिल नाडु की एक पार्टी समर्थन खीच लेती और सरकार गिर जाती.
इस बयान के बाद काफी हंगामा मचा है. अब इस क्रम में काटजू ने सवाल किया कि क्या अतिरिक्त न्यायाधीश के खिलाफ प्रतिकूल आईबी रिपोर्ट मिलने के बाद तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश लाहोटी ने तीन न्यायाधीशों वाले उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम की बैठक नहीं बुलाई थी जिसमें वह खुद, न्यायमूर्ति वाईके सबरवाल और न्यायमूर्ति रूमा पाल शामिल थे?
काटजू ने यह पूछा है कि आईबी रिपोर्ट पर गौर करते हुए कोलेजियम ने भारत सरकार से अतिरिक्त न्यायाधीश का दो साल का कार्यकाल नहीं बढ़ाने की सिफारिश की थी?
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष काटजू ने अपने ब्लॉग में लाहोटी के समक्ष ये सवाल उठाए हैं। अपने बयान के समय के बारे में काटजू ने कल कहा था, कुछ लोगों ने मेरे बयान के समय को लेकर टिप्पणी की है।