जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने की अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि अब वही इसका परिमार्जन भी करेंगे।
पत्रकार वार्ता में सुनाया दर्द
श्री कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर श्री मांझी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय उस समय मन लिया गया था। उन्होंने कहा कि जब पूरे बिहार के लोगों ने इस निर्णय को गलत बताया, तब उन्होंने गलती को मान कर सुधार किया है। जब कोई गलती करता है तो उसका परिमार्जन भी उसी को करना पड़ता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी संबंध में और कुरेदने पर कहा कि श्री मांझी जब खुद यह कह चुके हैं कि उनकी (नीतीश) मति मारी गयी थी, तब अब उन्हें क्या कहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें काफी सम्मान दिया और ऐसी स्थिति में जब राज्य में भाजपा के गेम प्लान के तहत सुशासन की धज्जियां उड़ाई जा रही थी, तब वह मौन रह कर सब कुछ बर्बाद होते नहीं देख सकते थे।
जनता के लिए बन रहे सीएम
जदयू नेता ने कहा कि वह वैसे व्यक्ति नहीं हैं, जो बेबस और लाचार बनकर सबकुछ बिगड़ता देखते रहें। पिछले आठ साल में जो कुछ अच्छा हुआ, उसे बर्बाद होते देख बिहार के लोगों की बेचैनी बढ़ रही थी। ऐसे में वह लोगों को बेचैन और तड़पता नहीं देख सकते हैं इसलिए उन्होंने फिर से जिम्मेवारी संभालने का निर्णय लिया। उन्होंने पूरे मन से इस जिम्मेवारी को संभालना स्वीकार किया है और अब वह पूरी क्षमता एवं लगन से सभी कमियों को दूर करने का काम करेंगे। श्री कुमार ने कहा कि बिहार में अभी जो कुछ हो रहा है वह स्पष्ट रूप से उकसावा और मिलीभगत का मामला है। भाजपा के लोग इसे जदयू का अंदरूनी मामला बता रहे हैं लेकिन यदि ऐसा है तो भाजपा के लोग जदयू के विधायकों को मंत्री और अगले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का टिकट देने का वादा कैसे कर रहे हैं।
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