रेलवे ने अगले 10 वर्षों में ऊर्जा बचाने का एक रोडमैप तैयार किया है, जिससे 41 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी और गाड़ियों का लगभग 90 प्रतिशत कार्बन मुक्त परिचालन संभव होगा । रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल भवन में ऊर्जा दक्षता पर एक गोलमेज़ सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए यह रोडमैप पेश किया । रेल मंत्रालय ने इस रोडमैप के तहत ऊर्जा दक्षता के लिये विद्युत एवं डीज़ल की खरीद के लिये नयी प्रणाली को व्यापक रूप देने और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने का फैसला किया है।
श्री प्रभु ने कहा कि रेलवे को नयी प्रौद्योगिकी और पक्षकारों की साझीदारी से ही आगे बढ़ाया जा सकता है। रेल मंत्री ने सम्मेलन में आये ग्राहक पक्षकारों का आह्वान किया कि वे भी ऊर्जा के बिल में कमी लाने के लिये अपने सुझाव दें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में करीब 50 प्रतिशत रेलवे ट्रैक विद्युतीकृत हैं और करीब 60 प्रतिशत यातायात विद्युतीकृत मार्ग से होता है। अगले पांच साल में 24000 रूट किलोमीटर को विद्युतीकृत करके तकरीबन 90 प्रतिशत यातायात विद्युतीकृत माध्यम से करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि विद्युत खरीद के लिये नयी प्रणाली से वर्तमान खपत के स्तर पर ही करीब चार हजार करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है। इस प्रकार से दस साल में 41000 करोड़ रुपये की बचत कोई काल्पनिक बात नहीं है। उन्होंने कहा कि रेलवे डीज़ल खरीद प्रणाली में भी सुधार कर रही है और अब वह सीधे सीधे कच्चा तेल खरीदेगी जिससे करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये की बचत होगी।