समाजवादी नीतीश कुमार का चुनाव प्रचार पूरा हाईटेक हो गया है। सोशल मीडिया का कोना-कोना नीतीश के नारों से बुलंद है। प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रेस रिलीज का मजबूत विकल्प सोशल मीडिया बनकर उभरा है। कम से कम बड़े नेताओं को अपनी बात कहने के लिए पीसी बुलाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। बिहार के चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया का नीतीश कुमार का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। होर्डिंग व टैम्पू से शुरु हुआ प्रचार अभियान अब यू-ट्यूब और अखबारों के वेब एडिशन तक पहुंच गया है।
वीरेंद्र यादव
नीतीश की प्रचार रणनीति का सबसे मजबूत पक्ष रहा दो-तरफा संवाद। सरकारी कार्यक्रम ‘जनभागीदारी’ और ‘बढ़ चला बिहार’ कार्यक्रम के माध्यम से नीतीश ने पार्टी का पूरा प्रचार किया। अरबों रुपये के इन सरकारी कार्यक्रमों के माध्यम से जदयू का प्रचार किया गया। सरकारी कार्यक्रम और जदयू के कंपेन के बीच बेहतर समन्वय बनाया गया, लेकिन चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के कारण कुछ बाधा आयी, लेकिन अभियान जारी रहा। यह अलग बात है कि जिस ‘विजन डाक्यूमेंट’ के लिए सरकार ने ठेका निजी कंपनी को दिया था, आज तक वह विजन डाक्यूमेंट नहीं आया।
लेकिन नीतीश कुमार का प्रचार जलवा जारी रहा। अब उनका प्रचार यू-ट्यूब पर आ रहा है। यू-ट्यूब पर भी ‘नीतीश निश्चय’ छाया हुआ है। अखबारों के वेब एडिशन में चल रहा है। यह बताता है कि नीतीश कुमार प्रचार के मोर्चे पर पीछे नहीं रहने वाले हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक करीबी का कहना है कि नीतीश के साथ भाजपा के जैसे कॉरपोरेट खड़े नहीं हैं, लेकिन किसी काम के लिए पैसे की कमी भी नहीं है।