मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों के खात्मे के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में राज्य के लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं और अब समय आ गया है कि वे समाज सुधार के लिए भी उसी तरह का योगदान दें।
श्री कुमार ने श्रीकृष्ण स्मारक भवन में 1857 के विद्रोह में बिहार का नेतृत्व करने वाले योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह स्मृति समारोह में कहा कि इतिहास में दर्ज है कि पाटलीपुत्र लम्बे समय तक देश की सत्ता का केन्द्र रहा। जब देश की सीमा आज के भारत से काफी बड़ी थी तब इसके बड़े भूभाग पर पाटलीपुत्र का शासन था जो आज पटना के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इसके कारण बिहार के लोगों का राजनीतिक तौर पर संवेदनशील होना स्वाभाविक है। यही कारण है कि बिहार में अशिक्षित और मजदूर भी राजनीति की अच्छी समझ रखते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों ने आजादी की लड़ाई और उसके बाद राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार के लोग दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खात्मे के लिए खुद को समर्पित करें। यह सभी जानते हैं कि शादीशुदा महिलाओं को उनके ससुराल में दहेज के लिये प्रताड़ित किया जाता है। इसी तरह बाल विवाह भी सामाजिक बुराई है जिसके कारण महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।