चौबीस घंटे और सातों दिन ड्युटी के बोझ से दबे व शारीरिक व मानसिक दबाव के शिकार पुलिसकर्मियों को अब राहत मिलने वाली है. अब उन्हें हर हाल में सप्ताह में एक दिन अवकाश दिया जायेगा.
मुकेश कुमार सिंह
इसकी शुरुआत नक्सल प्रभावित जिले औरंगाबाद से की गयी है. जिले के एसपी ने जवानों को एक सप्ताह में एक दिन अवकाश सुनिश्चित करने का आदेश जारी कर दिया है.
यह सच है की किसी भी जरायम से पीड़ित व्यक्ति को मुश्किल की घड़ी में पुलिस की ही याद आती है। भले ही आमजनों के बीच पुलिस की छवि को लेकर जो भी धारणाएं उनके दिलो-दिमाग में उमड़ती हो परंतु यह भी सत्य है कि वे भी समाज से ही इस महकमे में आते है।
एक लंबे अरसे से अक्सर ऐसा देखा जा रहा है कि पुलिस की ड्यूटी करने वाले लोग विश्राम व अवकाश नहीं मिलने के कारण शारीरिक व मानसिक रूप से बीमार पड़ने लगते हैं। मधुमेह , ब्लड प्रेशर , हृदय रोग जैसी जटिल बीमारियों की गिरफ्त में जकड़ने लगते हैं। ऐसे हालात से निबटने के लिए सर्वप्रथम सूबे के नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में पुलिस बल के जवानों को सप्ताह में एक दिन अवकाश देने का आदेश जिले आरक्षी अधीक्षक ने जारी किया है। यदि 7 आरक्षी ड्यूटी पर है तो उन्हें क्रमशः सप्ताह के सातों दिन में बारी-बारी से सबों को एक दिन के अवकाश में रहने की इजाजत दी गई है।
गौरतलब है की विधि व्यवस्था , यातायात आदि के कार्यो के दौरान ऐसे जवानों को अक्सर अवकाश नहीं मिल पाती है।ऐसे मसले को देखते हुए उन्हें मानसिक रूप से चुस्त दुरुस्त रखने की पहल सराहनीय है।