नरेंद्र मोदी सरकार ने अब सीधे मीडिया हाउस के न्यूज रूम तक पहुंच बना ली है। इसके लिए तकनीकी का पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी शुरुआत कल केंद्रीय ऊर्जा व कोयला राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने की। उन्होंने नई दिल्ली स्थित पीआईबी (पत्र सूचना कार्यालय) के मीडिया सेंटर से 11 राज्यों के 14 केंद्रों पर मौजूद पत्रकारों से एक साथ सीधे बातचीत की। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ और सभी केंद्र मीडिया सेंटर से जुड़े हुए थे। इसका आयोजन पीआईबी ने किया था।
वीरेंद्र यादव
केंद्रीय मंत्री का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह पहला प्रेस कॉन्फ्रेंस था। इसमें 11 राज्यों के पत्रकार सीधे ऊर्जा मंत्री से सवाल पूछ रहे थे और मंत्री उसका जवाब दे रहे थे। दिल्ली स्थित मीडिया सेंटर के अलावा मुम्बई, हैदराबाद, पुणे, रांची, नागपुर, भोपाल, जम्मू, चंडीगढ़, लखनऊ, गोवाहाटी, कोलकाता, पटना और जयपुर के एनआइसी के स्टूडियो में मौजूद स्थानीय पत्रकार मंत्री से सवाल पूछ रहे थे। यह संवाद हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हो रहा था। मीडिया सेंटर में ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के साथ पीआईबी के प्रधान महानिदेशक फैंक नोरोंडा के अलावा ऊर्जा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
पटना स्टूडियो की तैयारी के संबंध में पीआईबी के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार ने बताया कि वीसी के तय शिड्यूल में पटना का 20 वां स्थान है। पटना के पत्रकारों ने चार-पांच सवाल पूछे, जो ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े हुए थे। इसमें लंबित योजनाओं, बिहार को लेकर केंद्र की योजना, कोल लिंकेज आदि से जुड़े सवाल थे। पटना स्टूडियो में लगभग 20 पत्रकार मौजूद थे। उन्होंने बताया कि पीआईबी ने इस तरह का पहला प्रयास किया था। इसमें तकनीकी व प्रबंध के स्तर पर कोई परेशानी नहीं आयी। इसका अनुभव काफी सकारात्मक रहा।
पटना के पत्रकारों के लिए भी यह पहला अनुभव था, जब वह सीधे मंत्री से वीसी के माध्यम से रूबरू हो रहे थे। इसमें शामिल वरीय पत्रकार आलोक चंद्र ने बताया कि मंत्री कुछ सवालों के उत्तर संतोषप्रद ढंग से नहीं दे पाए। हालांकि दूसरे राज्यों के ऊर्जा सेक्टर की स्थिति की जानकारी भी मिली। केंद्र की संभावना और मजबूरी को भी समझने का मौका मिला।
अब संभव है कि केंद्र के दूसरे विभागों के मंत्री भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम देश भर के पत्रकारों से साथ बातचीत करें और अपनी बात सीधे न्यूज रूम तक बड़ी आसानी से पहुंचा सकें। सूचना तकनीकी यह नया इस्तेमाल निश्चित रूप से मीडिया के क्षेत्र में नयी संभावनाओं के द्वार खोलेगा और इसका इस्तेमाल को अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया जाएगा।
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