राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के अभिभाषण के साथ विधानमंडल का बजट सत्र शुरू होगा। विधान सभा और विधान परिषद की संयुक्त बैठक को राज्यपाल संबोधित करेंगे। राज्यपाल अपने अभिभाषण में सुशासन के एजेंडे को फोकस करेंगे और विकास के प्रति सरकार की वचनबद्धता दुहराएंगे।
नौकरशाही ब्यूरो
राजभवन के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अभिभाषण में कहने के लिए कोई नया मुद्दा नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विभिन्न मंचों से दुहरायी जाने वाली बातों को ही अभिभाषण में जगह मिली है। मांझी सरकार के कार्यकाल में राज्य की प्रशासनिक और विधि व्यवस्था के लेकर जो सवाल खड़े हो रहे थे, उसका जवाब भी अभिभाषण में हो सकता है। पिछली सरकार के दौरान नीतीश समर्थक लोग ही मांझी को निशाने पर ले रहे थे और उन्हें हर मोर्चे पर विफल बता रहे थे। नीतीश कुमार ने भी स्वीकार था कि सुशासन रास्ते से भटक रहा था। अभिभाषण में सुशासन के एजेंडे को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा।
अभिभाषण को सरकार के अगले एक साल के कामकाज का ‘विजन पेपर’ माना जाता है। बदलते राजनीतिक समीकरण और आर्थिक परिदृश्य में केंद्र के साथ राज्य का बेहतर तालमेल तथा विश्वास का वातावरण जरूरी हो गया है। उस इस स्थिति में सरकार केंद्र के साथ सहयोग बढ़ाने की बात अभिभाषण में कह सकती है। नीतीश कुमार पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अपने रिश्तों की नयी शुरुआत करना चाहते हैं। वैसी स्थिति में नरेंद्र मोदी के साथ कटुता कम करने का संकेत भी अभिभाषण में मिल सकता है। कुल मिलाकर, अभिभाषण में विकास, न्याय के साथ विकास और केंद्र साथ सहयोग बढ़ाने का संकल्प दिख सकता है।