कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर सीधा हमला करते हुए आज कहा कि उनके पुत्र का कारोबार नरेन्द्र मोदी सरकार की ‘स्टार्टअप इंडिया’ योजना का ‘सर्वोत्तम’ उदाहरण है और चुनावी हलफनामे में देनदारियों की जानकारी छुपाने के लिए वह श्री शाह के खिलाफ निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटायेगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि जब श्री शाह के बेटे जय शाह की कंपनी ‘टेम्पल इंटरप्राइजेज’ के कारोबार में मामूली अवधि के दौरान 16 हजार गुना की बढ़ोतरी को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे थे, उसके बाद उनकी एक अन्य कंपनी कुसुम फिनसर्व को भी अवांछित लाभ पहुंचाया गया।
श्री रमेश ने कहा, “टेम्पल इंटरप्राइजेज के बंद होने के बाद अमित शाह की सम्पत्ति गिरवी रखकर उनके बेटे ने एक और कंपनी -कुसुम फिनसर्व- स्थापित की थी।” उन्होंने कुसुम फिनसर्व के कामकाज में कथित अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इस कंपनी ने सरकार को अभी तक कोई वार्षिक रिपोर्ट नहीं सौंपी है।
उन्होंने कहा, “जय अमित शाह ने कुसुम फिनसर्व के लिए अपने पिता की सम्पत्ति गिरवी रखकर 95 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया, जबकि कंपनी की कुल पूंजी केवल पांच करोड़ 83 लाख रुपये थी।” उन्होंने आरोप लगाया कि जब भाजपा अध्यक्ष ने राज्यसभा चुनाव के लिए 2017 में हलफनामा दायर किया तो उन्होंने अपनी इस देनदारी के बारे में कोई जिक्र नहीं किया।