ऐसे समय में जब भारत के प्रधानमंत्री अमेरिका पहुंच रहे हैं न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत ने उनके खिलाफ 2002 दंगा के सिलसिले में समन जारी कर दिया है.
संघीय अदालत ने यह समन 2002 में हुए गुजरात दंगों के खिलाफ जारी किया है. उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इन दंगों में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गये जिनमें ज्यादातर मुसलमान थे.
ये मुक़दमा अमरीकी संस्था अमेरिकन सेंटर फ़ॉर जस्टिस (एजीसी) और गुजरात दंगे के दो पीड़ितों ने दायर किया है और सेंटर के मुताबिक याचिका दंगों में नरेंद्र मोदी की कथित भूमिका के संबंध में है.
अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि मोदी के खिलाफ यह समन जानबूझ कर ऐसे समय में जारी किया गया है जब वह अमेरिका दौरे पर पहुंच रहे हैं या यह महज संयोग है.
हालांकि विशेषज्ञों का मममानना है कि इस समन का पीएम पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्यों नरेंद्र मोदी को ‘डिप्लोमैटिक इम्मयूनिटि’ हासिल है, यानी वे स्थानीय क़ानून के दायरे से बाहर हैं.
बीबीसी के अमेरिका के पत्रकार ब्रजेश उपाध्याय के अनुसार पहले भी ऐसा हुआ है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ किसी अमरीकी अदालत ने किसी मानवाधिकार संस्था की याचिका पर समन जारी किए हो।
मोदी के खिलाफ दायर याचिका 28 पन्नों की एक शिकायत है जिसमें आर्थिक और दण्डात्मक क्षतिपूर्ति की मांग की गई है।
एजीसी के निदेशक डॉक्टर ब्रैडली ने एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ यह मामला मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के खिलाफ एक साफ़ संदेश है।”