सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने असदुद्दीन ओवैसी को सलाह दी है कि वह आगामी बिहार चुनाव से दूर रहें.
प्रेस रिलीज
बिहार फाउंडेशन के सऊदी अरब चैप्टर के चेयरमैन ओबैदुर रहमान की अध्यक्षता में पिछले दिनों आयोजित बैठक में भारतीय मूल के बुद्धिजीवियों ने एक स्वर में ये बातें कहीं.
हालांकि इस बैठक में असुदुद्दीन ओवैसी को एक बड़ा नेता घोषित किया गया लेकिन साथ ही कहा गया है कि साम्प्रदायिक शक्तियों को हराने के लिए ओवैसी को बिहार में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से सेक्युलर वोट बंट जायेंगे.
इस बैठक का संचालन अरब न्यूज के पत्रकार राशिद हुसैनी ने की. बैठक में राशिद अली शेख मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए जबकि तारिक मसूद व एआर सलीम गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में बैठक में मौजूद थे. इस अवसर पर ओबैदुर्रहमान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बेटी पढ़ाओ योजना की तारीफ करते हुए कहा कि इस योजना का लाभ सीमांचल के अनेक जिलों में काफी हुआ है.
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा बिहार में जीत जाती है तो इसका पभाव यूपी के चुनाव पर भी पड़ेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा की शक्ति मजबूत होने का मतलब है कि वह राज्यसभा में भी मजबूत होगी और कई ऐसे बिल को पास करवा लेगी जिसे फिलहाल विपक्षी पार्टियों की एकजुटता के कारण उसे सफलता नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा को उच्च सदन में बहुमत मिलना देश के लिए खतरनाक है.
रहमान ने बिहार के लोगों से अपील की कि वह देश हित को ध्यान रखते हुए महागठबंधन को सपोर्ट करें.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ओल्ड ब्वायज एसोसियेशन के अध्यक्ष सोहैल अहमद ने इस अवसर पर कहा कि हम एकजुट है और महागठबंधन को जिताने की पूरी कोशिश में हैं. महमूद अशरफ ने उम्मीद जतायी कि बिहार के लोग किसी भी हाल में महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करेंगे क्योंकि यह देश और राज्य हित में है.
अब्दुल अहद सिद्दीक ने कहा कि इस घड़ी में हमारी जिम्मेदारी है कि हम भारत के संविधान की रक्षा करें क्योंकि भाजपा के सत्ता में आने से संविधान पर ही खतरा है.
जिगम खान ने कहा कि हमें असुदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी एआईएमएम पर गर्व है क्योंकि वे मुसलमानों की मजबूत आवाज हैं लेकिन इस समय हमारी प्राथमिकता साम्प्रदायिक शक्ति को हराने की है.
इस अवसर पर मनसब अली खान, डाक्टर दिलशाद अहमद, राशिद अली शेख और तारिक मसूद ने एक स्वर में कहा कि हमें इस चुनाव में सेक्युलरिज्म की रक्षा करने की जरूरत है इसलिए हमें महागठबंधन को सपोर्ट करना है. इन बुद्धिजीवियों ने बिहार के लोगों से अपील की कि वे सेक्युलर शक्तियों को सपोर्ट करें.
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