पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा और आराजकता का ही यह परिणाम है कि प्रदेश को शर्मसार करने वाले टॉपर घोटाले के उजागर होने के बाद इस मामले में मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करने में सात दिन का समय लग गया ।
श्री मोदी ने पटना में कहा कि बिहार के शिक्षा महकमे में अव्यवस्था और अराजकता कायम है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस महकमे पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जानकारी में टॉपर घोटाले की जांच के लिये दो-दो कमिटी बना दी गयी । बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पीछे की तिथि से दस्तखत कर न्यायिक आयोग का गठन कर
दिया, जबकि इसका अधिकार ही उसे नहीं है । भाजपा नेता ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने इस बारे में खुद कहा है कि उन्होंने न्यायिक समिति के गठन के संबंध में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पहले ही अवगत कर दिया था । उन्होंने कहा कि न्यायिक समिति गठित करने का अधिकार सरकार को है और इसके लिये मंत्रिमंडल से स्वीकृति जरूरी है ।