दो व्यक्ति या समूहों जोड़ने का माध्यम रहा सोशल मीडिया अब अराजक होता जा रहा है। कई बार हिंसा भड़काने व सांप्रदायिक माहौल खराब करने में नकारात्मक भूमिका का निर्वाह कर रहा है। कई बार यह उपद्रवियों के मनसूबों को पूरा करने का भी साधन बन जाता है। हाल ही बरेली में फेसबुक के कारण ही हिंसा भड़की और माहौल खराब हो गया। कुछ दिन पहले बिहार के सासाराम में भी फेसबुक से उत्पन्न विवाद के बाद भड़की हिस्सा पुलिस को फायरिंग करने पड़ी थी, जिसमें 2 लोगों की जान चली गयी थी।
गुरुवार को बरेली में फेसबुक पर धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली टिप्पणी करने के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हुए पथराव और हवाई फायरिंग के बाद पुराने शहर में तनाव फैल गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों मीरा की पैठ इलाके के रहने वाले दो लड़कों ने फेसबुक पर कथित तौर पर एक समुदाय की भावनाएं भड़काने वाली टिप्पणी की थी। इसके खिलाफ गत 28 जुलाई को बारादरी थाने में तहरीर दी गयी थी, लेकिन ईद के त्योहार के कारण उन पर कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
उन्होंने बताया कि इसी से नाराज शिकायतकर्ता समुदाय भड़क गया और आरोपी के घर पर हमला कर दिया। साथ ही आसपास की कुछ दुकानों को भी निशाना बनाया गया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ। इस दौरान हवाई फायरिंग भी हुई। उधर मध्यप्रदेश के खंडवा में भी फेसबुक पर आपत्तिजनक तसवीर अपलोड करने के बाद हिंसा फैल गयी। इस दौरान एक युवक को चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गयी। इसके बाद स्थिति और भयावह हो गयी थी। स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गयी है।
सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने में सहायक बन रहे सोशल मीडिया पर अब निगरानी और नियमन की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। सरकार को इस दिशा में शीघ्र ही कदम उठाना चाहिए, ताकि सोशल मीडिया अपनी सामाजिक दायित्वों से विमुख नहीं हो।