जद यू ने पवन वर्मा को राज्यसभा के चुनाव लिये मैदान मे क्यू उतारा है ?
राज्यासभ चुनव का असल खेल जो सुत्रा बतते है । कि जनता दल ज्डु ने पवन वर्मा को मैदान क्यो उतारा है । सुत्र बताते हैन कि पवन वर्मा अरुन
के क्लास मित्र हैन और उन्हेन जैत्ली त्ने ही नीतीएश के करीब भेजा था । तब नीतीश ने उन्को अप्न सान्स्कृतिक सलह कार बनाया थाह । लेकिन जब भाजपा से नीतीश अलग हो गये तब नीतीश के लिये पवन एक मात्र ऐसे हथियार बच गये जो जेत्ली के माध्याम से नीतीश के लिये यारना बनने का काम करते ।
हालकी पवन के खिलाफ नीतीश की पार्ती मेइन भारी विरोध था । फिर भी नीतीश ने उन्को अप्न उम्मीद्वार बनय । लेकिन जिस तरह से अनिल शर्मा और साबी अलि आजाद उमीद्वार के तौर पर मैदान मेन आ गये हैन उस से अब सार खेल बिगद्त हुआ दिख रहा है ।
उधर राजद ने अप्ने विध्हय्कोन को अप्नी मर्जी से मत्दान कर्ने को कह दिय है । उधर मना ज रहा है कि भाज्प आजाद उम्मीद्वारोन को समर्थन कर सक्ती है । ऐसे मेइन नीतीश क पवन कार्द उल्ता पर्त जा रहा है ।
सुत्रा यह भी बतते हैन कि नीतीश आनन फनन मेइन दिल्ली कूच कर गये हैन । वह मिशन लालू पर निक्ले हैन । सुत्र यह भुएए बताते हैन कि वह लालू से उन्के उम्मेद्वारोन की मदद का आग्रह करेङे ।
पर आभी यह साफ नही हो सका है कि लालू नीतीश के बचाओ मेइन कूदेङे कि नही । ऐस इस लिये कि लालू ने मान्झी सर्कर के समर्थन कर्के अप्मान क घूत पी चुके हैन ।
दूस्री तरफ कुछ सुत्रोन का मन्न है कि ललू को नीतीश के उम्मीद्वरोन के बचाओ मेइन आ जान ही स्राज्नीती
इधर साबिर अलि और अनिल शर्मा जैसे आजाद उमीद्वार के मैदान मे आ जाने से इस चुनाव मे कुछ लोग पैसे का खेल होने कि सम्भव न से भी इनकार नही कर रहे है ।
अब इस चुनाव क काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि लालू क इस पर क्य रुख होता है ।
वैसे शरद यादव की पक्की दिख रही पर मौलना बल्यवी और पवन वर्मा की जीत नीतीश के लिये प्रथ्श्ता का सवल बन गया है ।
रज्यासभा क यह चुनव तै करेग की नीतीएश राजद की तरफ जा कर आगे की राज्नीती करेङे या भाज्प नेत के एक दोस्त की आद मे वह भाज्प से फिर नज्दीकी बनञ्गे ।
फोन्त की तक्नीकी खरबी के करन वर्तनी मेइन कुछ अशुद्धी के लिये खेद है