रिप्बिलक टीवी के पत्रकार अर्नब गोस्वामी द्वारा टुच्चा अपराधी कहे जाने पर लालू प्रसाद ने ऐसी पत्रकारिता को गुंडई की की संज्ञा देते हुए कहा है कि मीडिया के ये पत्रकार जातिवादी और संघी प्रवृत्ति के लोग हैं.
लालू ने चंचल भू के पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा कि ऐसे सड़क छाप चीं-चीं, चटर-पटर करने वाले पत्रकारों के आलोकतंत्रिक रवैये से ज्यादा भरोसा ख़ुद के लोकतांत्रिक व्यवहार पर है। मैं हमेशा से प्रेस की स्वतंत्रता का पक्षधर रहा हूँ। लेकिन आजकल की पत्रकारिता गुंडई मे तब्दील हो रही है। हम लोगों ने emergency वाला दौर देखा है। ये कल के लड़के हाथ में माईक थाम समझते है यही है लोकतंत्र के सबसे बड़े रक्षक। इनके अपने मीडिया हाउस में लोकतंत्र क्या , काम करने और कराने का सामान्य तंत्र भी नहीं है। इनके पत्रकार, संपादक और मालिक सब संघी और जातिवादी प्रवृति के लोग है। ई सब बिका हुआ है।
दर असल 14 जून को लालू से दिल्ली में रिपब्लिक के पत्रकार ने जबर्दस्ती बात करने की कोशिश की और बदतमीजी से पेश आये. जबकि वह बार बार मना कर रहे थे. बार की जिद्द से तंग आ कर लालू ने उन्हें डांट पिलाई और कहा कि जाओ अपने आका से सवाल पूछो. इस पर भी वे नहीं माने और जबर्दस्ती सवाल दाग रहे थे इस पर लालू ने उन्हें मुक्का मारने की धमकी दी. इसके बाद अर्नब गोस्वामी ने लालू के खिलाफ अभियान छेड़ दिया और कहा कि लालू तुम्हारा टाइम खत्म हो गया है. यह 2017 है पुराने दिन नहीं है कि तुम जातिवादी राजनीति करके आगे बढ़ जाओ.
अर्नब के इस अहंकारी बोल के खिलाफ सोशल मीडिया में भारी विरोध हो रहा है. वरिष्ठ पत्रकार रहे चंचल भू पत्रकारों को कहा कि कम्बख्तों ! डिब्बा के गुरुर में जिस आदमी से टकरा रहे हो वह तुम्हारे आका को धकिया कर रथ से उतार दिया था । हुकूमत से टक्कर लेता रहा है वह है लालू यादव ।चाय बेच कर सियासत में नही आया है समाजवादी मदरसे से निकला यह शख्स जमीन की नब्ज हाथ मे रखता है । पत्रकारिता करो पर तमीज से ।