बिहार का कटिहार मेडिकल कॉलेज अब अलकरीम युनिवर्सिटी के वृहद रूप का हिस्सा होगा. बुधवार को मेडिकल कॉलेज ने अपनी स्थापना के 30 वर्ष पूरे करे करने के अवसर पर कटिहार स्थित परिसर में एक भव्य आयोजन किया गया.
इस अवसर पर इमारत ए शरिया के अमीर और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी वली रहमानी ने कहा कि कटिहार मेडिकल कालेज( केएमसी) के संस्थापक अहमद अशफाक करीम की मेहनत और लगन का नतीजा है कि 30 साल पहले देखा गया उनका सपना सच साबित हुआ. रहमानी ने कहा कि अशफाक करीम वैसे व्यक्ति हैं जो किसी मंजिल को हासिल कर लेने के बाद फिर नये सफर और नई मंजिल की तरफ निकल पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि अलकरीम युनिवर्सिटी अशफाक करीम की नयी मंजिल के सफर का आगाज है. वली रहमानी ने उम्मीद जताई कि अलकरीम युनिवर्सिटी आने वाले दिनों में एक विख्यात विश्विद्यालय के रूप में उभरेगा.
इसस पहले अलकरीम युनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन का उद्घाटन किया गया जबकि युनिवर्सिटी से जुड़ी दो इमारतों की बुनियाद रखी गयी.
गौरतलब है कि 8 मार्च 1987 को स्थापित कटिहार मेडिकल कालेज बिहार का पहला अल्पसंख्यक मेडिकल कालेज है. पिछले दो दशकों में इस कालेज से हजारों छात्र डाक्टर बन कर निकले हैं और वे देश तथा दुनिया में अपनी सेवायें दे रहे हैं.
इस कार्यक्रम में अहमद अशफाक करीम ने कहा वली रहमानी साहब से उन्हें काम करने और नयी मंजिल की तलाश करने की प्रेरणा मिलती है. उन्हों इस अवसर पर कटिहार मेडिकल कालेज के 30 साल के सफर, उस दौरान के संघर्ष और उससे जुड़ी चुनौतियों की चर्चा की.
इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गुफूर ने कटिहार मेडिकल कालेज की उपलब्धियों की सराहना की. वहीं पिंदार अखबार के वरिष्ठ पत्रकार रैहान गनी ने कहा कि अल्पसंख्यकों की शिक्षा के क्षेत्र में कटिहार मेडिकल कालेज ने जो रोल अदा किया है उसे भुलाया नहीं जा सकता. इस अवसर पर कौमी तंजीम के सम्पादक अशरफ फरीद ने कटिहार मेडिकल कालेज की शिक्षा के क्षेत्र में किये गये योगदान की भरपूर प्रशंसा की.