अरुण कुमार मयंक सोनिया की खुदकुशी के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं जो यह सबित करती है कि कभी-कभी उच्चशिक्षा व हाईप्रोफाइल जॉब कुछ लड़कियों के लिए कैसे अवसाद का कारण बन जाते हैं.
नामसोनिया.उम्र 26 वर्ष.आकर्षक चेहरा.कुशल व्यवहार.क्लिनिकल साइकोलॉजी में गोल्ड मेडलिस्ट.बिहारशरीफ समाहरणालय में प्रतिनियुक्त.बाल विकास परियोजना की हाई प्रोफाइल महिला पर्यवेक्षिका.उन्होंने 3 दिसम्बर की अहले सुबह ख़ुदकुशी कर ली.पंडित गली के अपने आवास में फाँसी लगाकर.कमरे से सुसाइड नोट मिला.ख़ुदकुशी का कारण शादी का तैय नहीं होना अंकित है.
यह न्यूज़ बिहार के नालंदा जिला में दिसम्बर के प्रथम सप्ताह की सबसे सनसनीखेज खबर है.पर उसके नजदीक से जानने वालों को इस पर लेशमात्र भी विश्वास नहीं हो पा रहा है.उन्हें जानने वाले लगातार यह तर्क दे रहे हैं कि वह हंसमुख, होनहार और बहुत ही कुशल व्यवहार वाली थीं.वह आत्महत्या कैसे कर सकती है? जरुर इसके पीछे कोई-न-कोई राज़ छिपा है.पर बिहारशरीफ नगर कोतवाली की पुलिस, घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट और सोनिया के परिजनों के बयान- तीनों एक ही स्वर में कह रहे हैं कि सोनिया ने अपनी शादी बार-बार कट जाने से तंग आकर फांसी लगा ली.
सोनिया का पूरा नाम सोनिया कुमारी था. उनके पिता हैं मोहन प्रसाद वर्मा. उनकी नगर के चौक बाज़ार में सोने-चांदी के गहनों की दूकान है.और उनका अपना घर पंडित गली में है. बेटी सोनिया पढ़ने में तेज थी.वह अपने सपनों को खुद साकार करना चाहती थीं.
इसी लिए सोनिया ने ज़माने के कदम से कदम मिलाकर चलना अंगीकार किया.खुद फैसला किया था कि वह अपने पैर पर खडा होकर ही शादी करेंगी. घर वाले अक्सर समझाते रहते थे कि वे पिछड़ी जाति से आते हैं. बहुत ज्यादा पढ़-लिख जाने व नौकरी कर लेने पर शादी करना कठिन हो जायेगा. पर वह नहीं मानीं. और उसने अपने सपनों को साकार करके ही दम लिया.
पर सोनिया को क्या मालूम कि उसके नसीब में क्या बदा है? शायद उन्होंने तो कभी कल्पना भी नहीं की होगा कि एक दिन मइके से ही माँ-बाप को उनकी अर्थी को कन्धा देना पड़ेगा?
सोनिया का शव उसके बेड रूम में पंखे में दुपट्टा से लटका मिला.बिहारशरीफ नगर कोतवाली पुलिस ने लाश को वहां से बरामद किया है प्रथम द्रष्ट्या पुलिस इसे पारिवारिक विवाद का नतीजा बता रही है. शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि इस मौत के पीछे कोई दोषी नहीं है.नोट में यह भी लिखा कि अब शादी के लिए पापा को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी. सोनिया पर्यवेक्षिका के बतौर जिला महिला हेल्प लाइन में कार्यरत थीं. फिर वह डीपीओ कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर थीं.
नजदीकी सूत्रों की मानें तो कल से दो दिन पूर्व एक दिसम्बर को सोनिया देर शाम में किसी रिसेप्शन पार्टी या फंक्शन में नालंदा महिला कॉलेज गई थीं. वहां किसी सगे-सम्बन्धी ने सोनिया को देख कर उनकी शादी को लेकर कोई टिप्पणी कर दी. और उस टिप्पणी को लेकर उसी समय से वह विक्षिप्त सी हो गई तथा घर लौटते ही रोने-धोने लगीं. घर वालों ने बहुत समझाया-बुझाया. अगले दिन 2 दिसम्बर को वह दिनभर गम-सुम सी रही और किसी से कुछ नहीं बोलीं. वह 2 दिसम्बर को रात भर रोती-सुबकती रही और कल सुबह अपने कमरे में फांसी लगा कर ख़ुदकुशी कर ली.
पुलिस के अनुसार उसके कमरे से बरामद सुसाइड नोट बड़ा ही मार्मिक है.मौका-ए-वारदात पर मौजूद पुलिस ने पत्रकारों को बताया कि सोनिया ने नोट में लिखा है—“पापा! आप को मेरी शादी के लिए और परेशान नहीं होना पड़ेगा.मैं इस दुनिया को छोड़कर विदा हो रही हूँ.अब आप सब को मेरी शादी के लिए किसी के आगे सर झुकाना नहीं पड़ेगा…”
खैर! चाहे जो भी हो. सोनिया ने ख़ुदकुशी की हो या फिर उनकी मौत के पीछे कितना भी गहरा राज़ क्यों न हो? पर एक बात तो जरुर है कि सोनिया की मौत हमारे सभ्य समाज के माथे पर बहुत बड़ा कलंक है.
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