केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि अल्पसंख्यक समाज के दस्तकारों-शिल्पकारों की कला-कौशल की विरासत को मार्किट-मौका मुहैया कराने के लिए सभी राज्यों में “हुनर हब” बनाये जायेंगे. नकवी ने कहा कि देश भर के अल्पसंख्यक समाज के दस्तकारों, शिल्पकारों का “डेटा बैंक” तैयार किया जा रहा है.
नौकरशाही डेस्क
आज नई दिल्ली में आयोजित बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी), छात्रवृत्ति और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के प्रधान सचिवों/अल्पसंख्यक कल्याण प्रभारी सचिवों के सम्मेलन में नकवी ने यह बात कही. नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज की पुश्तैनी शिल्पकारी-दस्तकारी को आधुनिक युग की जरुरत के हिसाब से कौशल विकास के जरिये तराशने हेतु बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है, जिनमे राजगीर, बढ़ई, जरदोजी, टेलरिंग, हाउस कीपिंग, आधुनिक-आर्गेनिक कृषि, कुम्हार, ज्वेलरी, यूनानी-आयुर्वेद अनुसन्धान, ब्रास, कांच, मिटटी से निर्मित सामग्री का निर्माण शामिल है.
नकवी ने कहा कि “हुनर हब” के सम्बन्ध में राज्य अपने प्रस्ताव भेजे ताकि अगले वित्तीय वर्ष में कम से कम दो दर्जन राज्यों में ऐसे “हुनर हब” का निर्माण हो सके जहाँ “हुनर हाट” एवं अन्य सामाजिक-शैक्षिक, कौशल विकास की गतिविधियां की जा सके. नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा आयोजित दो “हुनर हाट” बहुत ही लोकप्रिय साबित हुए हैं. “हुनर हाट” के माध्यम से अल्पसंख्यक समाज के दस्तकारों/शिल्पकारों को अपनी कला को देश ही नहीं विदेश के दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने का मौका मिला है. पिछले 6 महीनों में लगभग 262 करोड़ की लागत से 200 से ज्यादा “सद्भाव मंडप” और लगभग 24 “गुरुकुल” प्रकार के आवासीय स्कूलों को स्वीकृति दी गई है. “सद्भाव मंडप” विभिन्न प्रकार के सामाजिक-शैक्षिक-सांस्कृतिक एवं कौशल विकास की गतिविधियों का संपूर्ण केंद्र होंगे साथ ही यह किसी आपदा के समय राहत केंद्र के रूप में भी इस्तेमाल किये जा सकेंगे.