जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने मुसलमानों के वजूद को ललकारते हुए कहा है कि आसमान से फरिश्ता उतर कर उनका नेतृत्व करने नहीं आयेगा बल्कि इसी धरती से नेता चुनना होगा.
अशफाक रहमान ने अपने बयान में कहा कि देश के 25 करोड़ मुसलमान 70 वर्षों से एक अदद लीडर का इंतजार कर रहे हैं और आज तक पूरे समाज का स्वीकार्य नेता नहीं चुन सके. उन्होंने कहा कि फरिश्ता की खूबियों वाला लीडर कभी संभव नहीं है. रहमान ने कहा कि यह जानना होगा कि हमें इसी समाज से लीडरशिप उभारना होगा.
गांठ बांध ले मुसलमान, खुद बढ़ना होगा आगे
रहमान ने कहा कि यह गांठ बांध लेना चाहिए कि 70 सालों में तमाम सियासी पार्टियों ने मुसलमानों को धोखा ही दिया है. इसलिए अब इस समाज को अपने वजूद की लड़ाई खुद ही लड़ने को तैयार होना होगा. रहमान ने कहा कि मुसलमानों की दुर्गति की सबसे बड़ी वजह उनकी सियासी सोच है, जो उन्हें दूसरों की बैसाखी के भरोसे चलने को मजबूर करती रही है. उन्होंने कहा कि इस समाज को दूसरों की दी हुई बैसाखी तोड़ कर अपने बाजुओं पर भरोसा करना होगा.
उन्होंने जारी बयान में कहा कि यह तभी संभव है जब मुसलमान अपनी सियासत और अपनी कयादत के मूलभूत सिद्धांत पर अमल करेंगे. रहमान ने इस बात पर चिंता व्यक्त किया कि मुस्लिमों का स्वतंत्र नेतृत्व न सदन के अंदर है और न बाहर और यही कारण है कि मुसलमानों की न कोई सियासी हैसियत रह गयी है और न कोई वजूद.
हालांकि रहमान ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि मुसलमानों में नेतृत्व के लिए कोई झगड़ा नहीं है. उन्होंने अपील की कि हर व्यक्ति को अपना नेतृत्व सामने लाना होगा और मुस्लिम समाज को भी इसी आधार पर ऐसे नेतृत्व को स्वीकार कर लेना चाहिए.