सेना असम में निर्दोष लोगों को निशाना बनाने वाले उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में तेजी लायेगी। थल सेना प्रमुख जनरल दलबीर सुहाग ने आज यहां गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद यह कही। असम के सोनितपुर और कोकराझार जिलों में मंगलवार को एनडीएफबी उग्रवादियों के हमले में 70 से भी अधिक लोगों के मारे जाने के बाद मोदी सरकार ने कहा है कि वह इन उग्रवादियों से सख्ती से निपटेगी और इस तरह की हिंसा करने वालों से कोई बातचीत नहीं की जायेगी।
थल सेनाध्यक्ष ने गृहमंत्री से की मुलाकात
उग्रवादी हमले के बाद असम में स्थिति का जायजा लेकर लौटे गृह मंत्री ने यहां जनरल सुहाग के साथ बैठक की़ जिसके बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में जनरल सुहाग ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री के साथ राज्य की सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा की है । उन्होंने कहा कि सेना निश्चित रूप से असम में अपने अभियान को तेज करने जा रही है। जनरल सुहाग ने कहा कि असम में उग्रवादी संगठनों के खिलाफ अभियान के लिए सेना की 66 टुकडियां तैनात की गई हैं।
उधर एनडीएफबीएस के उग्रवादियों द्वारा सामूहिक हत्याकांड के विरोध में विभिन्न संगठनों के राज्यव्यापी बंद के कारण आज जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। एनडीएफबीएस के खिलाफ सुरक्षा अभियान भी शुरू किया गया है। इस हत्याकांड के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने 12 घंटे के बंद का आहवान किया था, जिससे गुवाहाटी समेत पूरे राज्य में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। प्रर्दशनकारियों ने सडकों पर टायर जलाये और गुवाहाटी में बसों पर पथराव किया। इस बीच कोकराझार जिले में कल रात कुछ घरों और एक फैक्ट्री में आग लगा दी गई।कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के कडे प्रबंध किये गये है।