कांग्रेस ने मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) पर सरकार और केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी राकेश अस्थाना के एजेन्ट के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि सीवीसी ने सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा के मामले में ऐसी स्थिति बनायी, जिनसे संविधान का उल्लंघन हुआ। इसके लिए उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीवीसी का पद पर बने रहना उचित नहीं है और इस बात का ज्यादा महत्व नहीं है कि वह इस्तीफा देते हैं या सरकार उन्हें बर्खास्त करती है अथवा पद से हटाती है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले के सारे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने राफेल सौदे की जांच से बचने के लिए सीवीसी को कठपुतली बना दिया। सीवीसी की रिपोर्ट के आधार पर ही चयन समिति ने श्री वर्मा को हटाने का निर्णय लिया। इन तथ्यों से स्पष्ट है कि राफेल की जाँच से बचने के लिए सरकार ने सीवीसी को कठपुतली बना दिया है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि सरकार सीवीसी को नहीं हटाती है तो कांग्रेस इसके लिए व्यापक अभियान चलायेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान कि विपक्ष में अकेले लड़ने का आत्मविश्वास नहीं है इसलिए सभी दल मिलकर अवसरवादी गठबंधन बना रहे हैं, श्री सिंघवी ने कहा कि यह कुतर्क कांग्रेस की समझ से बाहर है। वह पूछना चाहते हैं कि क्या इस देश में इससे पहले कभी भी गठबंधन सरकार नहीं बनी। क्या मोदी जी उस सरकार को मजबूर, लाचार और बेकार बताते हैं जिसमें उनकी पार्टी जनता दल के साथ 1977 में शामिल हुई थी।