हिंसा, तोडफोड और आगजनी की घटनाओं के बाद अहमदाबाद में आज सेना बुला ली गयी। सेना के सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार के अनुरोध पर सेना को तैनात किया जा रहा है। गांधीनगर तथा अहमदाबाद में पहले से मौजूद यूनिटों के सैन्यकर्मियों को ही इस काम में लगाया गया है। राज्य में आज ही अर्द्धसैनिक बलों की 31 कंपनियां भी भेजी गई हैं। गुजरात में 2002 में हुए दंगों के बाद यह पहला मौका है, जब सेना बुलायी गयी है। पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों से राज्य में जनआंदोलन चलाया जा रहा है।
पीएम ने की शांति की अपील
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के लोगों से शांति बनाए रखने तथा लोकतंत्र की मर्यादा में रहते हुए किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से निकालने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने गुजरात के लोगों के नाम आज अपने संदेश में कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं होता है और बातचीत से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।
उन्होंने गुजरात में पटेल समुदाय की रैली के बाद हुई हिंसा पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि महात्मा गांधी और सरदार पटेल की धरती पर कल शाम से जिस तरह का माहौल है और जिस तरह से हिंसा का सहारा लिया जा रहा है, उससे किसी का भला नहीं हो सकता। गुजराती में दिए अपने संदेश में श्री मोदी ने कहा कि जीवन में एकता, सब साथ मिलकर चलें, और राज्य के विकास द्वारा ही हर तबके के लोगों का कल्याण करने का प्रयास, हम हमेशा से करते आये हैं। मेरी सभी भाईयों और बहनों से विनती है कि इस समय हमारा एक ही मंत्र होना चाहिए – शांति।