मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चपेट में आज विकास आयुक्त एसके नेगी आ गए। पटना में आयोजित एक सेमिनार में बगल बैठे विकास आयुक्त से नीतीश ने कहा- आंकड़ों की कलाबाजी बंद कीजिए। सीएम के समक्ष पेश किए गए कुछ आंकड़ों को देखने के बाद नीतीश ने अपनी नाराजगी जतायी और आंकड़ों पर सवाल भी खड़ा किए।
नौकरशाही ब्यूरो
पटना में कौशल संवर्धन पर आयोजित सेमिनार का उद्घाटन करने नीतीश पहुंचे थे। इसमें एपीसी विजय प्रकाश समेत कई विभागों के प्रधान सचिव व सचिव स्तर के अधिकारी मौजूद थे। बगल में बैठे विकास आयुक्त एसके नेगी मुख्यमंत्री के सवालों का संतोष जनक उत्तर नहीं दे पाए। इससे सीएम काफी क्षुब्ध दिख रहे थे। जब मुख्यमंत्री को संबोधित करने की बारी आयी तो उन्होंने जमकर अधिकारियों को लताड़ा और फटकारा भी। सीएम ने कहा कि हमने 2013 में पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। आइएएस या बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी तकनीकी विशेषज्ञ नहीं होते हैं, लेकिन आज तक इस काम के लिए नोडल एजेंसी या परामर्शी का भी चयन नहीं किया गया है।
सोच की बलिहारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अधिकारी अपनी इच्छा बने हैं। आपको अपने कामों का भी बोध होना चाहिए, अपने दायित्वों के प्रति गंभीर होना चाहिए। आप स्वयं को धोखा मत दीजिए। यदि आपने मान लिया है कि छह माह और झेल लेना है तो यह आपके सोच की बहिलारी है। उन्होंने कहा कि आप अपने अंदर की ऊर्जा को जगाइए, तभी बिहार बदलेगा, बिहार बढ़ेगा।
विपक्ष की भाषा
नीतीश कुमार का तेवर एकदम विपक्षी दल के नेता का था। वह नौकरशाही की कर्मण्यता पर बोल रहे थे तो सलाह भी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आमदनी बढ़ने के बाद अवसर की गुंजाइश भी बढ़ी है। इस संभावना के लिए कहीं कोई पहल नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश कौशल विकास और स्कील डेवलपमेंट पर जोर दे रहा है, ऐसे में बिहार को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता है।