बिहार में भ्रष्ट लोकसेवकों को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के अब तक के आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले पुलिस विभाग में सामने आये हैं.
निगरानी विभाग के महानिदेशक रवींद्र कुमार का कहना है कि पिछले एक साल में उनके विभाग ने जितने भी भ्रष्ट लोक सेवकों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है उनमें अकेले पुलिस महकमें से जुड़े 25 प्रतिशत मामले हैं. गौरतलब है कि राज्य में विभागों की कुल संख्या 41 है. इस प्रकार किसी एक विभाग से 25 प्रतिशत भ्रष्टचार के मामले पकड़ा जाना बहुत बड़ी संख्या है.
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी रवींद्र कुमार ने बुधवार को पुलिस सप्ताह कार्यक्रम के दौरान ये बात कही.
डीजी ने कहा कि पुलिसकर्मियों को अपनी कार्यप्रणाली बदलने की सख्त जरूरत है. किसी-किसी मामले में ही शॉर्टकट को अपनाना ठीक हो सकता है, लेकिन अपराध नियंत्रण और अनुसंधान के लिए किसी तरह के शॉर्टकट को अपनाना बिल्कुल ठीक नहीं है.
गौरतलब है कि रवींद्र कुमार आईपीएस अफसर होने के नाते खुद पुलिस महकमें का हिस्सा हैं. ऐसे में भ्रष्टचार के मामले में उनकी स्वीकारोक्ति पुलिस डिपार्टमेंट की असलियत को उजागर करती है.