नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने ऐसा नजारा, जहां वह बेबस सब देखते रहे. उनके करीबी हालात संभालने की कोशिश करते रहे लेकिन पत्रकार आपस में र हाथापाई पर उतर आये. आइए बतायें क्यों हुआ यह.
वीरेंद्र यादव, बिहार ब्युरो चीफ
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास सात सर्कुलर रोड (सेवन सीआर) इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए कुछ देर के लिए अखाड़ा बन गया। मीडिया वालों की आपसी तू-तू मैं-मैं इतनी तेज थी कि दर्शकों की भीड़ जमा हो गयी। यह सब हंगामा प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और नीतीश के पिछले कार्यकाल के सुपर सीएम माने जाने वाले सांसद आरसीपी सिंह के समक्ष हो रहा था।
शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार का पहला प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब सात बजे आयोजित था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चैनलवाले भाइयों में पहला इंटरव्यू लेने की होड़ लग गयी। स्वाभाविक भी था। प्रिंट वाले सब जा चुके थे। लेकिन बाइट वालों के लिए अफरातफरी का माहौल था। उधर नीतीश के दरवाजे के बाहर काफी भीड़ थी। वह भीड़ को शांत करना चाहते थे। जबकि चैनलवालों में पहले इंटरव्यू लेने की होड़ थी। नीतीश के कार्यालय के एक कक्ष में सभी चैनलवाले जमा हो गए। नीतीश ने खुद कहा कि आप लोग बारी-बारी से आइए। सबको बाइट देंगे। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। इस बीच नीतीश कुमार दरवाजे के बाहर लोगों से मिलने चले गए। इधर कमरे में नीतीश के मीडिया प्रभारी ने एक लिस्ट दी, जिसमें चैनलों के लिए क्रम तय किया था। कमरे में पत्रकारों को भीड़ बढ़ती गयी। खड़ा होना भी मुश्किल हो गया था। उधर नीतीश लोगों से मिलकर कमरे में आए तो कैमरों की भीड़ से उनका माथा ठनका और वह सीधे बाहर शेड में आ गए। वहां सभी पत्रकार पहुंचे। मजमा यहां भी लग गया था। यहां भी पत्रकार लिस्ट के अनुसार कुर्सियों पर जम गए थे।
दिल्ली वाले पत्रकार
उधर सबसे आगे बैठने वाले चैनल का ओबी वेन से शेड तक का तार कम पड़ रहा था। उसके प्रतिनिधि ने सीएम से आग्रह किया कि शेड से बाहर चलते हैं। वहीं से लाइव से करना है। नीतीश उनके आग्रह पर बाहर चले गए। बाकी और लोग बैठे रहे कि सीएम लौट कर आएंगे। बाहर में लाइव की तैयारी चल रही थी। इधर शेड में बारी के लिए दो पत्रकारों के बीच पहले विवाद, फिर तू-तू-मैं-मैं और हाथापाई तक की नौबत आ गयी। हालांकि बीच बचाव के बाद मामला शांत हो गया।
विवाद की शुरुआत दिल्ली से आए एक पत्रकार की वजह से हुई। उनका कहना था कि सीएम लौट कर आएंगे तो पहला इंटरव्यू वह ही लेंगे। दूसरे लोग इसके लिए तैयार नहीं थे और कह रहे थे कि बारी का इंतजार कीजिए। दिल्ली वाले इसके लिए तैयार नहीं थे। इसी बात पर देखने और देख लेने की नौबत आ गयी। उधर नीतीश कुमार का लाइव शुरू हो गया। और लाइव के लिए लोग अपनी-अपनी सीट जमा चुके थे। लेकिन इस सीटिंग अरजमेंट में दिल्ली वाले कहीं नजर नहीं आ रहे थे।