बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाली आंगनवाड़ी और आशाकर्मियों को अब 11 रजिस्टरों के बोझ से मुक्ति मिलेगी और उन्हें इसकी जगह स्मार्ट फोन और टैबलेट दिये जाएंगे। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन’के गठन की जानकारी देने के लिए बुलाये संवादददाता सम्मेलन में बताया कि 50 हजार आंगनवाड़ी और आशाकर्मियों को पहले ही स्मार्ट फोन और टैबलेट दिये गये हैं ।
उन्होंने बताया कि एक सर्वेक्षण से पता चला है कि इनमें से करीब 82 प्रतिशत कर्मी इन अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल भी कर रही हैं और 75 प्रतिशत का मानना है कि रजिस्टरों के मुकाबले इन उपकरणों से काम करना आसान है। इन स्मार्ट फोन में हर बच्चे के स्वास्थ्य आदि का ब्यौरा होगा, जिससे उनकी निगरानी करना आसान होगा और सरकार समय रहते ही कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए हस्तक्षेप करेगी।
श्री श्रीवास्त्व ने बताया कि रजिस्टरों का वजन कई किलोग्राम है जबकि स्मार्ट फोन मात्र 170 ग्राम के हैं ।
उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष कुपोषण में दो प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कल ‘राष्ट्रीय पोषण मिशन ’ को मंजूरी दी है और इसके लिए 9046 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं।