केंद्र सरकार ने पश्चिम एशिया में सक्रिय आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के देश में पड़ रहे प्रभाव की नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा की और केन्द्र एवं राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों को इस संबंध में अत्यधिक चौकन्ना रहने की नसीहत दी। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गृह मंत्रालय के अधिकारी, केन्द्र सरकार की खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों के अलावा 13 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के आला सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बैठक में आतंकी संगठन द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से भारतीय युवकों को प्रलोभित किये जाने पर पर खासतौर पर विचार मंथन किया गया। बैठक में यह महसूस किया गया कि पड़ोसी मुल्कों में आईएसआईएस के बढ़ते प्रभाव से भारतीय नौजवानों को बचाने के लिये सुरक्षा एजेंसियों को नयी रणनीति बनानी होगी। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए बेहतर कल्याण योजनायें बनाने की जरूरत है और उन्हें सोशल मीडिया पर ऐसे प्रलोभनों से बचाने के लिये अलग रणनीति बनानी होगी और पुलिस संगठनों को सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यक्षम बनाने के लिये काम करना होगा।
सूत्रों ने बताया कि श्री सिंह ने अपने समापन उद्बोधन में कहा कि भारतीय परंपराओं एवं पारिवारिक संस्कारों से इस खतरे का सामना किया जा सकता है। पड़ोसी देशों के मुकाबले आईएसआईएस का भारत में अत्यंत सीमित अथवा न के बराबर असर है। लेकिन फिर भी चौतरफा सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि भारत में अधिकतर मुस्लिम संगठनों ने आईएसआईएस एवं उसकी आतंकवादी विचारधारा की खिलाफत की है। बैठक में शिरकत करने वाले राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में उत्तर प्रदेश, केरल, जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र थे।