पटना के राघोवपुर मे श्री सीताराम आश्रम मेगा औद्योगिक पार्क के लिए अधिगृहित भूमि के प्रभावित किसान एक बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं इसकी शुरूआत धरने से हो गयी है.
इन किसानों की मांग है कि सरकार एक परियोजना, एक रेट नीति के अन्तर्गत मेगा औद्यौगिक पार्क बिहटा के अर्जित भूमि का भुगतान सुनिष्चित करे. इसी तरह बची हुई जमीन को रैयती घोषित कर भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाये.
किसानों की मांग है कि बिहार सरकार द्वारा घोषित भू-अर्जन नीति 2007 का शत प्रतिषत अनुपालन किया जाय. इसके साथ ही निर्माणाधीन इकाइयों में स्थानीय प्रभावित किसानों-मजदूरों को प्राथमिकता दी जाय. प्रभावित किसानों की एक मांग यह भी है कि प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में तत्काल लिया जाय.
अमहरा के किसान साकेत कुमार और भीम कुमार का कहना है कि इसके बावजूद अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो वे मजबूर होकर अधिग्रहित की गई भूमि पर खेती करना शुरू कर देंगे. साकेत कुमार के परिवार की 12 बिगहा जमीन सरकार ने अधिगृहित की है. ऐसे हजारों किसान हैं जिनकी जमीनें सरका ने ले रखी हैं पर पिछले तीन चार सालों से उनकी जमीन का भुगतान नहीं हुआ है.
उनका कहना है कि उस इलाके के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जबकि नवीनगर में बिजली घर के लिए अधिग्रहित की गई भूमि की कीमत का भुगतान पीड़ित किसानों को एक मुष्त कर दिया गया था.
सुष्मित शर्मा का कहना है कि उपर्युक्त मांगों को लेकर संबंधित अधिकारियों को कई बार मांग पत्र समर्पित किया गया है. किन्तु सरकार ने अभी तक इस संबंध में काई निर्णायक कार्रवाई नहीं की है.
सरकार की गलत नीतियों की वजह से स्थानीय किसान और मजदूर भूखमरी की कगार पर पहूंच गए हैं क्योंकि आवंटित और निर्माणाधीन इकाइयों में स्थानीय किसानों और मजदूरों को काम नहीं दिया गया है.